विधानसभा चुनाव 1967 और मथुरा जिला

पिछले अंक में हमने जाना कि मथुरा में सोशलिस्ट पार्टी ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। मांट सीट पर राधेश्याम शर्मा ने कांग्रेस के वरिष्ठ […]

पाबू प्रकाश के काव्य का मूल्यांकन

पाबू प्रकाश एक प्रबन्ध काव्य है जिसमें समसामयिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों के साथ पाबू का सम्पूर्ण चरित्र वर्णित है। हम उसे एक महाकाव्य की […]

हिन्दू प्रतिमाएं और मथुरा कला का विकास

  मथुरा कला के अंतर्गत उस दौर के कारीगरों ने हिन्दू, जैन और बौद्ध तीनों ही धर्मों से सम्बंधित देव-प्रतिमाओं का निर्माण बड़े पैमाने पर […]

मथुरा के सांसद चकलेश्वर सिंह

चकलेश्वर सिंह मथुरा लोकसभा क्षेत्र से 1971 में सांसद रहे थे। उन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा लेते हुए देश की आजादी के आंदोलन में भी सहभागिता की थी।

हुमायूंनामा और गुलबदन बेगम

गुलबदन बेगम द्वारा लिखित हुमायूंनामा मुगलों के इतिहास के अध्ययन का एक प्रमुख स्रोत है। यह पुस्तक गुलबदन बेगम ने लिखी थी। गुलबदन बेगम हुमांयू की छोटी बहन थी। यह पुस्तक लंबे समय तक अज्ञात रही और बाद में प्रकाशित हुई।

भरतपुर राज्य के दरबारी कवि (भाग दो)

पिछले भाग में हमने भरतपुर राज्य के मुख्य दरबारी कवियों में से महाकवि सूदन, आचार्य सोमनाथ, कलानिधि भट्ट, शिवराम, कृष्ण कवि, अखैराम, भोलानाथ शुक्ल आदि […]

वैर की कहानी : भाग दो

वैर की कहानी के पिछले भाग में हमने वैर की अवस्थिति, नामकरण, जाट शासन के दौरान प्रशासनिक प्रबन्ध, दुर्ग निर्माण, सुरक्षा व्यवस्था आदि पर चर्चा […]

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