कहानी पायल कटियार (पुत्र के मोह में उसकी गलतियों को नज़रंदाज करने वाले माता-पिता को अंत में पछतावे के सिवा कुछ हाथ न लगा।) प्रवीन […]
Author: Yogendra Singh Chhonkar
काला धन (नोटबंदी का भुगता खामियाजा)
कहानी पायल कटियार कमला अपने पैसों को किसी डिब्बे में तो किसी अलमारी के बिछे कागजों के नीचे तो कभी तकियों के गिलाफ में छिपा-छिपाकर […]
ठेल की किस्मत (एक सब्जी विक्रेता के संघर्ष की दास्तान)
कहानी पायल कटियार दीनू सब्जी की ठेल वाले ने अवाज लगाई- आलू, प्याज टमाटर गोभी, पत्ता गोभी, हरी मटर, हरी-हरी सब्जियां ले लो। आवाज सुनते […]
वृन्दावनस्थ वानरों से संवाद – अमनदीप वशिष्ठ
कुछ महीने पहले जब वृन्दावन जाना हुआ था तो यमुना किनारे एक बंदर ने चश्मा छीन लिया। फ्रूटी देने की औपचारिक रस्म निभाने के बाद […]
ब्रज की वर्त्तमान आतंरिक गतिकी – एक बाहरी अध्येता के नोट्स
अमनदीप वशिष्ठ ब्रज में पिछले कुछ समय से एक संश्लिष्ट वैचारिक मंथन चल रहा है। इस वैचारिक मंथन का स्वरूप बहुत से कारकों से मिलकर […]
जीवन की नई शुरुआत
कहानी पायल कटियार पूजा संगीता के लिए फिक्रमंद थी मगर संगीता को पूजा की कही एक-एक बात सुई की तरह चुभ रही थी। पूजा संगीता […]
ब्रज संबंधित तीन शोध पत्र : व्याख्यानों पर मनन अनुचिंतन
अमनदीप वशिष्ठ पिछले दिनों श्रीरंगम में वैष्णव धारा पर एक संगोष्ठी हुई जिसमें बहुत विद्वानों ने भाग लिया। उनमें तीन युवा विद्वानों से परिचय रहा […]
वक्त कहां किसी की सुनने को
कहानी पायल कटियार मैं प्रतिदिन की भांति अपने ऑफिस से घर के लिए जा रही थी। इस बीच जैसा मेरी दिनचर्या में शामिल था कि […]
भरतपुर की कहानी : भाग पांच (थून की गढ़ी का निर्माण और चूरामन की शक्ति का विस्तार)
पिछले भागों में हमने ब्रजमंडल के किसानों की स्वाधीनता की प्रवृत्ति से उपजे मुगल सत्ता के विरोध के प्रमुख नायक बने गोकुला, राजाराम और जोरावर […]
सपनों का आशियाना
कहानी पायल कटियार पूजा अपने घर में दो भाईयों के बीच अकेली बहन थी। उसके पिता एक कपड़ा व्यापारी थे। अच्छा खासा परिवार था। किसी […]
सत्संग का सही अर्थ
कहानी पायल कटियार सुनो मुझे कल सत्संग में जाना है। नेहा ने अपने परिवार के सभी सदस्यों को सचेत करते हुए कहा। नेहा नियम से […]
सीमा रेखा के पार
कहानी पायल कटियार तेज वेग से बहती लहरों में आज एक उस कहानी का अंत हो गया जिसके चर्चे दूर-दूर तक फैले हुए थे। दर्दनाक […]
भरतपुर की कहानी : भाग चार (शहजादा बेदारबख्त का अभियान और सिनसिनी की गढ़ी का पतन)
पिछले भागों में हमने ब्रजमंडल के किसानों की स्वाधीनता की प्रवृत्ति से उपजे मुगल सत्ता के विरोध के प्रमुख नायक बने गोकुला और राजाराम के […]
भरतपुर की कहानी भाग तीन (राजाराम ने अकबर की कब्र खोद कर अस्थियां जला दीं)
पिछले अंकों में हमने जाना कि किस तरह शाहजहाँ के शासनकाल में उसकी हिन्दू विरोधी नीतियों के कारण ब्रजमंडल के किसानों ने क्रांति की मशाल […]