विधानसभा चुनाव 1996 और मथुरा जिला

पिछले अंक में हमने जाना कि जिले की राजनीति में भाजपा की मजबूती स्थायी होती जा रही थी। जनता दल शक्ति खोता जा रहा था और कांग्रेस सिर्फ उपस्थिति के लिए ही थी। 1996 का विधानसभा चुनाव आते आते जनता दल अपना अस्तित्व खो चुका था। उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा और बसपा दोनों ही अपनी जड़ें जमाने की कोशिश में थे। यह चुनाव पहला अवसर थे जब बसपा ने अपनी तब तक की सबसे दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। कहने को तो बसपा ने गोकुल के रूप में बस एक ही सीट जीती पर गोवर्धन, मांट और सादाबाद की सीटों पर उसके प्रत्याशी दूसरे स्थान तक पहुंचे। भाजपा को इस बार भी तीन ही सीटें मिलीं। एक सीट कांग्रेस को फिर से मिली पर इस बार वह मांट के बजाय छाता की थी। मांट की सीट कांग्रेस के तिवारी गुट के खाते में गई।

वर्ष 1996 में हुआ था यह चुनाव

सीटों के नाम और उनके क्रम की बात करें तो इस बार कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। आरक्षण की स्थिति भी पूर्ववत गोवर्धन विधानसभा की सीट पर ही थी। सीटों के नाम और उनके क्रम निम्नवत रहे।

  1. गोवर्धन (362) [सुरक्षित]
  2. मथुरा (363)
  3. छाता (364)
  4. मांट (365)
  5. गोकुल (366)
  6. सादाबाद (367)

इस बार मतदान की तिथि थी 30-09-1996।

कुछ इस तरह रहा चुनाव परिणाम

गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र

 

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 238371 थी, जिनमें से 40.58% यानी 96734 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 1714 मत निरस्त पाए गए और 94955 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत मिली भाजपा के प्रत्याशी और पिछले बार के विधायक अजय कुमार पोइया को जिन्हें 42284 वोट मिले। इनका मुख्य मुकाबला रहा बसपा के प्रताप सिंह से, जिन्हें 33545 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे भारतीय किसान कामगार पार्टी के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे पूरन प्रकाश जिन्हें 18220 वोट मिले।

मथुरा विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 278345 थी, जिनमें से 37.67% यानी 104804 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 1654 मत निरस्त पाए गए और 103142 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज की भाजपा के प्रत्याशी और पिछले बार के विधायक स्वामी रामस्वरूप शर्मा ने, जिन्हें 39605 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे कांग्रेस के प्रत्याशी विजय कुमार जिन्हें 34365 वोट मिले। पूर्व में विधायक रहे रविकांत गर्ग इस बार निर्दलीय लड़े और तीसरे स्थान पर रहे, जिन्हें 23288 वोट मिले। 

छाता विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 218296 थी, जिनमें से 55.99% यानी 122229 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 2464 मत निरस्त पाए गए और 119765 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज की कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे चौधरी लक्ष्मीनारायण ने, जिन्हें 48426 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे चंदन सिंह, जिन्हें 34585 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और पिछले बार के विधायक ठाकुर तेजपाल सिंह, जिन्हें 32561 वोट मिले।

मांट विधानसभा क्षेत्र

 

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 215797 थी, जिनमें से 55.61% यानी 119996 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 2224 मत निरस्त पाए गए और 117692 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज की 1989 से लगातार विधायक चले आ रहे श्यामसुंदर शर्मा ने जो इस बार कांग्रेस (तिवारी) के टिकट पर लड़े थे, जिन्हें 39779 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे बसपा के हर्ष कुमार बघेल जिन्हें 28644 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे भाजपा के प्रत्याशी पदम् सिंह शर्मा, जिन्हें 25937 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे निर्दलीय रामबाबू जिन्हें 21011 वोट मिले।

गोकुल विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 217150 थी, जिनमें से 46.89% यानी 101817 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 1945 मत निरस्त पाए गए और 99760 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज की बसपा के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे सरदार सिंह ने, जिन्हें 35739 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे भाजपा के प्रत्याशी और पिछले बार के विधायक प्रणतपाल सिंह जिन्हें 35183 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे भारतीय किसान कामगार पार्टी के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे चौधरी नबाव सिंह, जिन्हें 26762 वोट मिले।

सादाबाद विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 219576 थी, जिनमें से 50.17% यानी 110166 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 1985 मत निरस्त पाए गए और 108090 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज की भाजपा के प्रत्याशी और पिछले बार के विधायक विशम्बर सिंह ने, जिन्हें 29588 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे बसपा के प्रत्याशी अरविंद कुमार जिन्हें 24993 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे भारतीय किसान कामगार पार्टी के प्रत्याशी गिरेन्द्र सिंह जिन्हें 14906 वोट मिले। चौथे स्थान को रहे निर्दलीय अनिल चौधरी जिन्हें 14100 वोट मिले। पांचवें स्थान पर रहे पूर्व में विधायक रहे और इस बार निर्दलीय लड़ रहे मुस्तमन्द अली खान, जिन्हें 10302 वोट मिले। छठवें स्थान पर रहे निर्दलीय हरिओम जिन्हें 8388 वोट मिले।

एक नजर चुनाव परिणाम पर

यह चुनाव कांग्रेस के लिए पूर्ववत रहा। पिछली बार के कांग्रेस के विधायक श्यामसुंदर शर्मा ने इस चुनाव में तिवारी कांग्रेस का दामन थाम लिया था पर छाता में कांग्रेस को चौधरी लक्ष्मीनारायण के रूप में एक सफलता मिल ही गई। भाजपा की स्थिति यथावत रही और उसके पास तीन सीटें बची रहीं। गोवर्धन से अजय पोइया, मथुरा आए स्वामी रामस्वरूप शर्मा और सादाबाद से विशम्बर सिंह ने अपनी जीत फिर से दोहराई। गोकुल सीट से सरदार सिंह ने बसपा का खाता खोल दिया। वहीं गोवर्धन, मांट और सादाबाद सीटों पर बसपा के प्रत्याशियों को अच्छी संख्या में वोट मिले।

विधायकों का परिचय

विधायक अजय कुमार पोइया (गोवर्धन)

अजय कुमार पोइया

विधायक अजय कुमार पोइया का जन्म 6 जुलाई 1955 को मथुरा में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री हीरालाल था। आपने स्नातकोत्तर, एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त की थी। 1978 में आपका विवाह श्रीमती चंद्रवती के साथ हुआ था। आपका व्यवसाय वकालत था। महंगाई, भ्रष्टाचार विरोधी तथा श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आप मथुरा, एटा व दिल्ली जेल में बंदी रहे। तीन वर्ष तक डॉ. अम्बेडकर स्टूडेंट्स फेडरेशन के अध्यक्ष, चार वर्ष तक अखिल भारतीय स्टूडेंट्स फेडरेशन के अध्यक्ष, छह वर्ष तक अनुसूचित जाति छात्र संघ तथा अनुसूचित जाति मोर्चा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। पांच वर्ष तक अनुसूचित जाति छात्र बेरोजगार युवक कर्मचारी समन्वय समिति मथुरा के महामंत्री तथा आठ वर्ष तक भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री भी रहे हैं। वर्ष 1991 में भाजपा के टिकट पर गोवर्धन सीट से आप विधानसभा चुनाव लड़े जिसमें जनता दल के पूरन प्रकाश के सामने हार मिली। वर्ष 1993 में आप गोवर्धन सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जनता दल के प्रेम सिंह को हराकर विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में आप गोवर्धन सीट से भाजपा के टिकट पर फिर से चुनाव लड़े और बसपा के प्रताप सिंह को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2002 में भाजपा के आपको टिकट नहीं मिली और आप इंडियन नेशनल लोकदल के टिकट पर गोवर्धन सीट से चुनाव लड़े और भाजपा के श्याम सिंह अहेरिया के सामने पराजित हुए। वर्ष 2007 में आप गोवर्धन सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े पर रालोद के पूरन प्रकाश के सामने पराजित हुए। वर्ष 2012 में आप बलदेव सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े पर रालोद के पूरन प्रकाश के सामने एक बार फिर पराजित हुए। सामाजिक कार्यों में आपकी विशेष रुचि थी।

विधायक रामस्वरूप शर्मा (मथुरा)

स्वामी रामस्वरूप शर्मा

विधायक रामस्वरूप शर्मा का जन्म 21 सितम्बर 1931 को मथुरा जिले के कमई गांव में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री स्वामी मेघश्याम था। आपने स्नातक समकक्ष रास संगीताचार्य की शिक्षा प्राप्त की थी। 1957 में आपका विवाह श्रीमती श्री शर्मा के साथ हुआ। आप श्रीकृष्ण लीला संस्थान एवं ब्रज ललित कला संस्थान के आजीवन अध्यक्ष रहे। श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के आजीवन ट्रस्टी तथा ब्रज संगीत न्यास परिषद के आजीवन संरक्षक रहे। श्याम सुधा नाम से आपकी एक पुस्तक भी प्रकाशित हुई थी। आप मानस सम्मान मध्यप्रदेश-मानस गायनाचार्य तथा उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा पुरस्कृत रासचार्य उपाधि के सम्मानित हुए थे। विश्व रामायण सम्मेलन हेतु भारत सरकार की ओर से सांस्कृतिक दल के नेता के रूप में मॉरीशस, थाईलैंड, कनाडा, अमेरिका आदि देशों का भ्रमण करने गए थे। दूरदर्शन और आकाशवाणी के आप ए श्रेणी के कलाकार थे। वर्ष वर्ष 1993 में आप मथुरा सीट से भाजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और कांग्रेस के विजय कुमार को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में एक बार फिर आप भाजपा के टिकट पर मथुरा सीट से लड़े और कांग्रेस के विजय कुमार को हराकर दूसरी बार विधायक बने।

संगीत, नृत्य, साहित्य, अध्ययन एवं अध्यापन में आपकी विशेष रुचि थी। आपका मुख्यावास विद्यापीठ चौराहा, वृंदावन, मथुरा में था।

विधायक चौधरी लक्ष्मीनारायण (छाता)

चौधरी लक्ष्मीनारायण

चौधरी लक्ष्मी नारायण का जन्म 22 जुलाई 1951 को मथुरा जिले की छाता तहसील के सांचोली गांव में हुआ। इनके पिता का नाम श्री रतिराम था। आपने आगरा विश्वविद्यालय से एमए, एलएलबी तक शिक्षा हासिल की है। आप जिला सहकारी बैंक मथुरा के संचालक, कृषि उत्पादन मंडी समिति कोसी कलां के सभापति तथा आईटीआई कॉलेज मथुरा के संचालक रह चुके हैं। 1985 के विधानसभा चुनाव में आप लोकदल के टिकट पर चुनाव जीत कर छाता सीट से विधायक बने। वर्ष 1989 के विधानसभा चुनाव में आप छाता सीट से जनता दल के टिकट पर लड़े पर भाजपा के किशोरी श्याम के आगे हार गए। वर्ष 1993 का विधानसभा चुनाव आपने गोकुल सीट पर जनता दल के टिकट पर लड़ा पर वहां भाजपा के प्रनतपाल सिंह के आगे आपको सफलता नहीं मिली। वर्ष 1996 का विधानसभा चुनाव आप कांग्रेस के टिकट पर छाता सीट से लड़े और भाजपा के चंदन सिंह की हरा कर विधायक बने। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में आप अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर छाता से लड़े पर रालोद के तेजपाल सिंह के आगे हार गए। वर्ष 2007 का विधानसभा चुनाव आपने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर छाता सीट से लड़ा और रालोद के तेजपाल सिंह को हराकर विधायक बने। वर्ष 2012 का चुनाव आपने छाता सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर लड़ा पर इस बार रालोद के तेजपाल सिंह के आगे हार गए। वर्ष 2017 का चुनाव आपने भाजपा के टिकट पर छाता विधानसभा सीट से लड़ा और सपा समर्थित प्रत्याशी अतुल सिंह को हरा कर विधायक बने। 1997 से 2000 तक आप कल्याण सिंह व रामप्रकाश गुप्ता के मंत्रिमंडल में उद्यान विभाग के मंत्री रहे। 2007 से 2012 तक आप मायावती के मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री रहे। 2017 से 2022 के मध्य योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में आप दुग्ध विकास, धर्मार्थ कार्य, संस्कृति एवं अल्पसंख्यक कल्याण आदि विभागों के मंत्री बने। वर्तमान में आप भाजपा के टिकट पर छाता सीट से विधानसभा के प्रत्याशी हैं।

विधायक श्यामसुंदर शर्मा (मांट)

श्यामसुंदर शर्मा

विधायक श्यामसुंदर शर्मा का जन्म 15 जुलाई 1952 को मथुरा जिले के मांट तहसील के पचहरा गांव में हुआ। मांट सीट से पूर्व में विधायक रहे लोकमणि शर्मा आपके पिता थे। आपने स्नातकोत्तर तक शिक्षा हासिल की। वर्ष 1976 में आपका विवाह श्रीमती सुधा शर्मा के साथ हुआ। आप जिला सहकारी बैंक लिमिटेड मथुरा तथा जिला सहकारी संघ लिमिटेड मथुरा के प्रशासक और सभापति रह चुके हैं। वर्ष 1989 के चुनाव में आप मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर प्रथम बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1991 के चुनाव में आप पुनः मांट सीट से कांग्रेसनक टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1993 के चुनाव में मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में आप मांट सीट से कांग्रेस (तिवारी) के टिकट पर लड़े और बसपा के हर्ष कुमार बघेल को हराकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2002 के चुनाव में आप मांट सीट से लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़े और बसपा के चौधरी प्रताप सिंह को हराकर पांचवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2007 के चुनाव में आप मांट सीट से लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़े और रालोद के रामपाल सिंह को हराकर छठवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में आप मांट सीट पर तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और रालोद के जयंत चौधरी के सामने चुनाव हार गए। जयंत चौधरी द्वारा विधानसभा से त्यागपत्र दिए जाने के बाद 2012 में ही हुए उपचुनाव में आप तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लड़े और रालोद के योगेश नौहवार को हराकर सातवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 के चुनाव में आप मांट सीट पर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और रालोद के योगेश नौहवार को हराकर आठवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्तमान में 2022 के विधानसभा चुनाव में आप मांट सीट पर बसपा से प्रत्याशी हैं। वर्ष 1993 में आप अखिल भारतीय कांग्रेस विधान मण्डल के मुख्य उप सचेतक, 1997 में लोक लेखा समिति के सदस्य, 1997 में कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में खेलकूद, युवा कल्याण, प्रांतीय विकास दल आदि विभागों के मंत्री, 1999 में रामप्रकाश गुप्ता मंत्रीमंडल में होमगार्ड्स, राजनैतिक पेंशन, नागरिक सुरक्षा आदि विभागों के मंत्री, 2000 में राजनाथ सिंह मंत्रिमंडल में  होमगार्ड्स, राजनैतिक पेंशन, नागरिक सुरक्षा आदि विभागों के मंत्री, 2002 में मायावती मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा मंत्री एवं 2007 में प्राक्कलन समिति के सभापति बनाये गए। समाजसेवा, सहकारिता और ग्राम विकास में इनकी विशेष रुचि है। 

विधायक सरदार सिंह (गोकुल)

सरदार सिंह

विधायक सरदार सिंह का जन्म एक जनवरी 1949 को मथुरा जिले के कारब गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री पन्ना सिंह था। इन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से एमए एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी की शिक्षा हासिल की। इनका विवाह 1981 में श्रीमती पुष्पा चौधरी के साथ हुआ। इनका व्यवसाय कृषि एवं वकालत है। आपने अपने गांव कारब में आदर्श कृषक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की। 1980 के विधानसभा चुनाव में आप पहली बार गोकुल सीट से जनता पार्टी सेक्युलर के टिकट पर चुनाव लड़ कर विधायक बने। 1985 के विधानसभा चुनाव में आप लोकदल के टिकट पर गोकुल सीट से पुनः विधानसभा पहुंचे। 1989 के विधानसभा चुनाव में आप जनता दल के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीते और 1996 के चुनाव में आप बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर विधायक बने। आप आप विधानसभा की लोक लेखा समिति, संसदीय शोध सन्दर्भ एवं अध्ययन समिति तथा प्राक्कलन आदि समितियों के सदस्य भी रहे हैं। आप मुलायम सिंह यादव के प्रथम मंत्रिमंडल में आप सांस्कृतिक कार्य एवं खेलकूद मंत्री रहे हैं। कल्याण सिंह के मंत्रिमंडल में आप वस्त्र एवं उद्योग मंत्री भी रह चुके हैं। वर्तमान में आप राजनीति एवं सामाजिक कार्यों में संलग्न हैं। आपका मुख्यावास गांव कारब, जिला मथुरा में है।

विधायक विशम्बर सिंह (सादाबाद)

विशम्बर सिंह

विधायक विशम्बर सिंह का जन्म मथुरा जिले के गोविंदपुर गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री कन्हैया लाल था। इन्होंने हाई स्कूल तक शिक्षा पाई थी। वर्ष 1968 में इनका विवाह श्रीमती शांतिदेवी के साथ हुआ था। इनका व्यवसाय कृषि था। 1982 से 88 तक ये ग्राम सभा कंजौली के ग्राम प्रधान रहे। 1988 में ये क्षेत्र समिति सादाबाद के ब्लॉक प्रमुख बने। वर्ष 1993 के चुनाव में ये जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और सपा के भूप सिंह को हराकर पहली बार विधायक बने। वर्ष 1996 में इन्होंने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और बसपा के अरविंद कुमार को हराकर दूसरी बार विधायक बने। 

(आंकड़े निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से लिये गए हैं)

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