विधानसभा चुनाव 2002 और मथुरा जिला

पिछले अंक में हमने जाना कि जिले की राजनीति में भाजपा का दबदबा कायम हो गया था। वहीं बसपा को भी अच्छा वोट शेयर मिल रहा था पर जिले में उसकी विधायक संख्या एक ही थी। कांग्रेस और तिवारी कांग्रेस के एक-एक प्रत्याशी जीते थे। अजित सिंह की भारतीय किसान कामगार पार्टी को कोई सफलता नहीं मिल सकी थी। 2002 का चुनाव आते आते स्थिति कुछ बदली। अजित सिंह अब रालोद के नाम से पार्टी गठित कर चुके थे। इधर उत्तर प्रदेश की विधानसभा में लोकतांत्रिक कांग्रेस बन गई थी। भाजपा और रालोद ने यह चुनाव मिलकर लड़ा। और जब इस चुनाव का परिणाम आया तो भाजपा सिर्फ एक सीट पर सिमट गई। वहीं अजित सिंह की रालोद को दो सीटें मिल गईं।

कांग्रेस और लोकतांत्रिक कांग्रेस को एक-एक सीट मिली। सादाबाद का क्षेत्र 1997 में मथुरा जिले से पृथक हो गया था अतः सादाबाद की सीट का जिक्र अब इस लेखमाला में नहीं किया जाएगा।

वर्ष 2002 में हुआ था यह चुनाव

इस बार अब तक का एक सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन यह हुआ कि सादाबाद तहसील के क्षेत्र मथुरा जिले से पृथक कर दिया गया। इस तरह जिले में अब पांच विधानसभा सीटें ही बचीं। सीटों के नाम और उनके क्रम की बात करें तो इस बार नाम तो पूर्ववत थे पर क्रम में परिवर्तन हुआ। सीटों के नाम और उनके क्रम निम्नवत रहे।

  1. गोवर्धन (346) [सुरक्षित]
  2. मथुरा (347)
  3. छाता (348)
  4. मांट (349)
  5. गोकुल (350)

इस बार मतदान की तिथि थी 18-02-2002 और मत गणना की तिथि थी 24-02-2002।

यूपी विधानसभा चुनाव में पहली बार ईवीएम का प्रयोग

एक परिवर्तन यह भी था कि इस चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रयोग पहली बार किया गया, जिसका परिणाम यह हुआ कि निरस्त होने वाली वोटों की संख्या बहुत कम हो गई। अब सिर्फ पोस्टल बैलेट से डाली जाने वाली वोटों में से ही कुछ वोटों के खारिज होने की संभावना रहती थी। जिसका परिणाम यह हुआ कि निरस्त वोट संख्या सिमट कर रह गई।

कुछ इस तरह रहा चुनाव परिणाम

गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र 

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 238798 थी, जिनमें से 49.40% यानी 117096 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 34 मत निरस्त पाए गए और 117062 मत वैध पाए गए। इस चुनाव में जय दर्ज की भाजपा के प्रत्याशी श्याम सिंह अहेरिया ने, जिन्हें 34873 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे बसपा के प्रत्याशी भरत सिंह, जिन्हें 28426 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे पूर्व में विधायक रहे और इस चुनाव में निर्दलीय लड़ रहे पूरन प्रकाश, जिन्हें 27438 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे पिछले दो बार के विधायक अजय कुमार पोइया जो इस बार टिकट कटने के कारण इनेलो के टिकट पर लड़ रहे थे, जिन्हें 8623 वोट मिले। पांचवे स्थान पर रहे कांग्रेस के राम गोपाल जिन्हें 7650 वोट मिले। छठवें स्थान पर रहे सपा के प्रताप सिंह जिन्हें 6801 वोट मिले। 

मथुरा विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 271880 थी, जिनमें से 35.66% यानी 96963 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 10 मत निरस्त पाए गए और 96953 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज की कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे प्रदीप माथुर ने, जिन्हें 40297 वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहे भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे रविकांत गर्ग, जिन्हें 33760 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे बसपा के वीरेंद्र कुमार कश्यप, जिन्हें 12814 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे सपा के मुकेश शर्मा, जिन्हें 3187 वोट मिले।

छाता विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 220090 थी, जिनमें से 59.35% यानी 130616 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से एक भी मत निरस्त नहीं हुआ और सभी 130616 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज की रालोद के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे ठाकुर तेजपाल सिंह ने, जिन्हें 41698 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में पिछले बार के विधायक और इस चुनाव में लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे चौधरी लक्ष्मीनारायण, जिन्हें 35321 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे बसपा के प्रत्याशी डॉ. अमर सिंह पोनियां, जिन्हें 23023 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे कांग्रेस के कु. नरेंद्र सिंह, जिन्हें 11782 वोट मिले। पांचवें स्थान पर रहे निर्दलीय हरिप्रसाद शर्मा, जिन्हें 7159 वोट मिले। छठवें स्थान पर रहे सीपीआई के छीतर सिंह, जिन्हें 6635 वोट मिले।

मांट विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 218404 थी, जिनमें से 60.79% यानी 132766 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 63 मत निरस्त पाए गए और 132703 मत वैध पाए गए। इस चुनाव में जीत दर्ज कराई लोकतांत्रिक कांग्रेस के प्रत्याशी और 1988 से लगातार विधायक चले आ रहे श्यामसुंदर शर्मा ने, जिन्हें 67718 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे बसपा के चौधरी प्रताप सिंह, जिन्हें 56334 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे राष्ट्रवादी क्रांति पार्टी के हरीश चंद जो सन्त युवराज के नाम से जाने जाते हैं, जिन्हें 2612 वोट मिले।

गोकुल विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 215737 थी, जिनमें से 57.23% यानी 123462 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 42 मत निरस्त पाए गए और 123420 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई रालोद के प्रत्याशी प्रेम सिंह ने, जिन्हें 53142 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे बसपा के राज कुमार रावत, जिन्हें 40899 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय सरदार सिंह, जिन्हें 13387 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे सपा के शशिपाल सिंह, जिन्हें 6014 वोट मिले। पांचवें स्थान पर रहीं इनेलो की अंजू सिंह, जिन्हें 2928 वोट मिले। 

एक नजर चुनाव परिणाम पर

इस चुनाव में दो नए चेहरे विधायक बन कर पहली बार विधानसभा पहुंचे। गोवर्धन से भाजपा के श्याम सिंह अहेरिया और गोकुल से रालोद के प्रेम सिंह। छाता से रालोद के तेजपाल सिंह और मथुरा से कांग्रेस के प्रदीप माथुर दुसरी बार विधानसभा पहुंचे। मांट से श्यामसुंदर शर्मा लगातार पांचवीं बार विधानसभा पहुंचे। रालोद अपने खाते की दोनों सीटें छाता व गोकुल जीतने में सफल रही। भाजपा अपने खाते की गोवर्धन सीट तो जीत गई पर मथुरा की सीट गंवा बैठी। बसपा का इस बार खाता भले ही न खुला हो पर उसका वोट शेयर अच्छा रहा और गोवर्धन, मांट और गोकुल में उसके प्रत्याशी दूसरे स्थान तक पहुंचे। 1985 के बाद मथुरा सीट पर यह पहला अवसर था जब कांग्रेस उसे जीत पाई। मांट की जीत श्यामसुंदर शर्मा की निजी जीत कही जा सकती है।

विधायकों का परिचय

विधायक श्याम सिंह अहेरिया (गोवर्धन)

श्याम सिंह अहेरिया

विधायक श्याम सिंह अहेरिया का जन्म 5 जनवरी 1948 को ग्राम सराय आजमाबाद, मथुरा में हुआ। इनके पिता बदले सिंह है। आपने जूनियर हाईस्कूल तक शिक्षा हासिल की। वर्ष 1965 में आपका विवाह श्रीमती प्रेमा के साथ हुआ। आपका व्यवसाय व्यापार है। एक राजनीतिक आंदोलन में सहभागिता करने के कारण वर्ष 1971 में आप एक मास मथुरा जेल में बंदी रहे। आप 15 वर्ष तक रामलीला सभा के मंत्री रहे हैं। मोक्षधाम समिति के आप आजीवन सदस्य हैं। आप ग्राम पंचायत आजमाबाद के ग्राम प्रधान रह चुके हैं। आप 11 वर्ष तक जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे हैं। वर्ष 2002 में आप भाजपा के टिकट पर गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार विधायक बने। 2002-03 तक आप उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रश्न एवं सन्दर्भ समिति के सदस्य रह चुके हैं। वर्तमान में आप राजनीति एवं सामाजिक कार्यों में संलग्न हैं। आपका मुख्यावास सराय आजमाबाद, पोस्ट- कृष्णा नगर जिला मथुरा में है।

विधायक प्रदीप माथुर (मथुरा)

प्रदीप माथुर

प्रदीप माथुर का जन्म 25 नवम्बर 1955 को हुआ। इनके पिता का नाम राजेन्द्र बिहारी माथुर था। आपने बीएससी ऑनर्स, चार्टर्ड अकॉउंटेंसी, एलएलबी व एलएलएम तक शिक्षा हासिल की है। 1984 में आपका विवाह श्रीमती प्रीति माथुर के साथ हुआ। वर्ष 1981 में एक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के परिवार की सहायता के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने 1000 रुपये की धनराशि व प्रशस्ति पत्र द्वारा एवं दिल्ली की संस्था मानव सेवा महत्व ने 1983-84 में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। सामाजिक कार्यों के लिए मथुरा जेसीज ने जनपद के सर्वोत्तम युवा का पदक भी प्रदान किया। मथुरा ग्रेटर जेसीज के सदस्य रहे हैं। बहुत से नेत्र शिविरों में भी आपने काम किया है। विधवाओं के लिए पेंशन, गरीबों के लिए ऋण और प्रौढ़ शिक्षा के लिए भी आपने काम किया है। इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद हुए झगड़ों को निपटाने के लिए बनी ‘मुफ्त कानूनी सहायता समिति’ के आप अध्यक्ष रहे। वर्ष 1985 के चुनाव में आप पहली बार मथुरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 1989 और 91 के चुनावों में आपको भाजपा के रविकांत गर्ग के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2002 के चुनाव में आप कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के रविकांत गर्ग को हराकर विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में आप भाजपा के मुरारी लाल अग्रवाल को हराकर विधायक बने। वर्ष 2017 के चुनाव में आप भाजपा के देवेंद्र शर्मा को हराकर विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 के चुनाव में आप को भाजपा के श्रीकांत शर्मा के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्तमान में आप 2022 के चुनाव में मथुरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर प्रत्याशी हैं। 

विधायक तेजपाल सिंह (छाता)

तेजपाल सिंह

विधायक तेजपाल सिंह का जन्म 5 सितंबर 1949 को मथुरा जिले की छात्रा तहसील के गांव बिडोरा में हुआ। आपके पिता का नाम श्री लोहरे सिंह था। आपने इलाहाबाद एवं आगरा विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर तक शिक्षा हासिल की। वर्ष 1977 में आपका विवाह श्रीमती सुधा सिंह के साथ हुआ। आप अध्यापक भी रहे हैं। वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान आप डीआईआर के अंतर्गत तीन मास तक जिला कारागार मथुरा में बंदी रहे हैं। वर्ष 1989-91 तक जनता दल के जिलाध्यक्ष, 1991-93 तक लोक दल के जिलाध्यक्ष व 1996-2000 तक समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। आपका व्यवसाय कृषि एवं व्यापार है। वर्ष 1991 के विधानसभा चुनाव में आप छाता सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े पर भाजपा के किशोरी श्याम के सामने सफलता नहीं मिली। वर्ष 1993 में आप जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के किशोरी श्याम को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में आप समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और कांग्रेस के लक्ष्मीनारायण के सामने पराजित हुए। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में आप रालोद के टिकट पर लड़े और लोकतांत्रिक कांग्रेस के प्रत्याशी लक्ष्मीनारायण को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2007 में आप फिर से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़े पर बसपा के लक्ष्मीनारायण के सामने हार गए। वर्ष 2012 के चुनाव में आप फिर से रालोद के टिकट पर लड़े और बसपा के लक्ष्मीनारायण को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 के चुनाव में आपने भाग नहीं लिया। वर्तमान में आप 2022 के चुनाव में रालोद के टिकट पर प्रत्याशी हैं। वर्ष 1993-96 तक आप प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे हैं। अक्टूबर 2002-मई 2003 तक आप मायावती के मंत्रिमंडल में लोक निर्माण विभाग के राज्यमंत्री रहे हैं। अक्टूबर 2003-जुलाई 2004 तक आप मुलायम सिंह मंत्रिमंडल में सिंचाई विभाग के राज्यमंत्री रहे हैं। 2006-07 तक आप सरकारी आश्वासन समिति के सदस्य रहे हैं। 2012-13 तक आप प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे हैं। जनसेवा में आपकी विशेष रुचि है।

विधायक श्यामसुंदर शर्मा (मांट)

श्यामसुंदर शर्मा

विधायक श्यामसुंदर शर्मा का जन्म 15 जुलाई 1952 को मथुरा जिले के मांट तहसील के पचहरा गांव में हुआ। मांट सीट से पूर्व में विधायक रहे लोकमणि शर्मा आपके पिता थे। आपने स्नातकोत्तर तक शिक्षा हासिल की। वर्ष 1976 में आपका विवाह श्रीमती सुधा शर्मा के साथ हुआ। आप जिला सहकारी बैंक लिमिटेड मथुरा तथा जिला सहकारी संघ लिमिटेड मथुरा के प्रशासक और सभापति रह चुके हैं। वर्ष 1989 के चुनाव में आप मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर प्रथम बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1991 के चुनाव में आप पुनः मांट सीट से कांग्रेसनक टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1993 के चुनाव में मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में आप मांट सीट से कांग्रेस (तिवारी) के टिकट पर लड़े और बसपा के हर्ष कुमार बघेल को हराकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2002 के चुनाव में आप मांट सीट से लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़े और बसपा के चौधरी प्रताप सिंह को हराकर पांचवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2007 के चुनाव में आप मांट सीट से लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़े और रालोद के रामपाल सिंह को हराकर छठवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में आप मांट सीट पर तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और रालोद के जयंत चौधरी के सामने चुनाव हार गए। जयंत चौधरी द्वारा विधानसभा से त्यागपत्र दिए जाने के बाद 2012 में ही हुए उपचुनाव में आप तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लड़े और रालोद के योगेश नौहवार को हराकर सातवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 के चुनाव में आप मांट सीट पर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और रालोद के योगेश नौहवार को हराकर आठवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्तमान में 2022 के विधानसभा चुनाव में आप मांट सीट पर बसपा से प्रत्याशी हैं। वर्ष 1993 में आप अखिल भारतीय कांग्रेस विधान मण्डल के मुख्य उप सचेतक, 1997 में लोक लेखा समिति के सदस्य, 1997 में कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में खेलकूद, युवा कल्याण, प्रांतीय विकास दल आदि विभागों के मंत्री, 1999 में रामप्रकाश गुप्ता मंत्रीमंडल में होमगार्ड्स, राजनैतिक पेंशन, नागरिक सुरक्षा आदि विभागों के मंत्री, 2000 में राजनाथ सिंह मंत्रिमंडल में  होमगार्ड्स, राजनैतिक पेंशन, नागरिक सुरक्षा आदि विभागों के मंत्री, 2002 में मायावती मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा मंत्री एवं 2007 में प्राक्कलन समिति के सभापति बनाये गए। समाजसेवा, सहकारिता और ग्राम विकास में इनकी विशेष रुचि है। 

विधायक प्रेम सिंह (गोकुल)

प्रेम सिंह

विधायक प्रेमसिंह का जन्म 20 मई 1972 को ग्राम सल्लोनी कलां, जिला अलीगढ़ में हुआ। आपके पिता का नाम श्री भगवान सिंह है। आपने इंटरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त की है। वर्ष 1992 में आपका विवाह श्रीमती मीना देवी के साथ हुआ। आपका व्यवसाय कृषि एवं व्यापार है। वर्ष 2002 के चुनाव में आप गोकुल सीट से रालोद के टिकट पर पहली बार विधायक बने। 2002-03 तक आप उत्तर प्रदेश विधानसभा की विधान पुस्तकालय परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे हैं। आप वर्तमान में राजनीति और सामाजिक कार्यों में संलग्न हैं। आपका मुख्यावास रेतिया बाजार, राया, जिला मथुरा में है।

(आंकड़े निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से लिये गए हैं।)

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