पिछले अंक में हमने जाना कि 2002 का विधानसभा चुनाव रालोद और भाजपा ने मिलकर लड़ा था और दो सीटें रालोद को तथा एक सीट भाजपा को मिली थी। एक पर बसपा, एक पर कांग्रेस और एक पर लोकतांत्रिक कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे। वर्ष 2007 का चुनाव जिले में भाजपा के लिए बुरा साबित हुआ और जिले की एक भी सीट भाजपा के हाथ नहीं लग सकी। प्रदेश भर में बसपा की लहर दिखी जिसका असर मथुरा में भी था और जिले की दो सीटें बसपा ने जीत लीं। रालोद, कांग्रेस और लोकतांत्रिक कांग्रेस को एक-एक सीट मिली।
वर्ष 2007 में हुआ था यह चुनाव
सीटों के नाम और उनके क्रम की बात करें तो इस बार कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। आरक्षण की स्थिति भी पूर्ववत गोवर्धन विधानसभा की सीट पर ही थी। सीटों के नाम और उनके क्रम निम्नवत रहे।
- गोवर्धन (346) [सुरक्षित]
- मथुरा (347)
- छाता (348)
- मांट (349)
- गोकुल (350)
इस बार मतदान की तिथि थी 13-04-2007 और मत गणना हुई 11-05-2007 को।
कुछ इस तरह रहा चुनाव परिणाम
गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र
इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 287348 थी, जिनमें से 39.28% यानी 112884 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 23 मत निरस्त पाए गए और 112861 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई रालोद के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे पूरन प्रकाश ने, जिन्हें 43963 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे बसपा के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे अजय कुमार पोइया, जिन्हें 38100 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे भाजपा के हरीश सुहाना कोली, जिन्हें 17113 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे सपा के श्याम सिंह, जिन्हें 6123 वोट मिले।
मथुरा विधानसभा क्षेत्र
इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 307851 थी, जिनमें से 39.90% यानी 122821 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 15 मत निरस्त पाए गए और 122806 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई कांग्रेस के प्रत्याशी और पिछले बार के विधायक प्रदीप माथुर ने, जिन्हें 45383 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे भाजपा के प्रत्याशी मुरारी लाल अग्रवाल, जिन्हें 24293 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे बसपा के देवेन्द्र गौतम, जिन्हें 22550 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे सपा के कृष्ण कुमार “मुन्ना” जिन्हें 17364 वोट मिले। पांचवें स्थान पर रहे रालोद के संजय जिन्हें 4036 वोट मिले।
छाता विधानसभा क्षेत्र
इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 238941 थी, जिनमें से 50.36% यानी 120332 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 2 मत निरस्त पाए गए और 120330 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई बसपा के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे चौधरी लक्ष्मीनारायण ने, जिन्हें 55591 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे रालोद के प्रत्याशी और पिछले बार के विधायक ठाकुर तेजपाल सिंह, जिन्हें 29633 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व विधायक चंदन सिंह जिन्हें 18729 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे सपा के प्रत्याशी गोविंद सिंह जिन्हें 8950 वोट मिले। पांचवें स्थान पर रहे कांग्रेस के उमेश पंडित, जिन्हें 2627 वोट मिले।
मांट विधानसभा क्षेत्र
इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 250674 थी, जिनमें से 51.32% यानी 128646 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 21 मत निरस्त पाए गए और 128625 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई 1989 से लगातार विधायक चले आ रहे श्यामसुंदर शर्मा ने, जो इस बार भी लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे। श्यामसुंदर शर्मा को 46932 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे रालोद के रामपाल सिंह, जिन्हें 35394 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे बसपा के जगदीश, जिन्हें 34394 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे कांग्रेस के राजवीर, जिन्हें 2822 वोट मिले। पांचवें स्थान पर रहे भाजपा के गुपाल, जिन्हें 2353 वोट मिले।
गोकुल विधानसभा क्षेत्र
इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 253193 थी, जिनमें से 44.54% यानी 112773 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 34 मत निरस्त पाए गए और 112739 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई बसपा के प्रत्याशी राजकुमार रावत ने, जिन्हें 48916 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे रालोद के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे नबाव सिंह, जिन्हें 39874 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे प्रणतपाल सिंह, जिन्हें 11627 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे सपा के भूप सिंह जिन्हें 4666 वोट मिले। पांचवे स्थान पर रहे कांग्रेस के सरदार सिंह, जिन्हें 3447 वोट मिले।
एक नजर चुनाव परिणाम पर
इस चुनाव में जिले में बसपा को बढ़त मिली। छाता से चौधरी लक्ष्मीनारायण और गोकुल से राजकुमार रावत चुनाव जीतने में सफल रहे। रालोद को मात्र एक सीट ही मिली। गोवर्धन से रालोद के पूरन प्रकाश चुनाव जीतने में सफल रहे। जिले में रालोद को सीट भले ही एक मिल पाई हो पर उसका वोट शेयर अच्छा रहा। छाता, मांट और गोकुल की सीटों पर रालोद के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस के प्रदीप माथुर अपनी मथुरा सीट फिर से जीतने में सफल रहे। मांट की सीट पर एक बार श्यामसुंदर शर्मा को सफलता मिली और इस तरह एक सीट लोकतांत्रिक कांग्रेस के खाते में दर्ज हो ही गई। भाजपा न तो जिले में कोई सीट ही जीत पाई और न ही अच्छा वोट शेयर हासिल कर पाई। पांच में से सिर्फ एक मथुरा की सीट पर उसके प्रत्याशी ने मुख्य मुकाबले में जगह बनाई।
विधायकों का परिचय
विधायक पूरन प्रकाश (गोवर्धन)
विधायक पूरन प्रकाश का जन्म 15 जुलाई 1955 को हुआ। आपके पिता श्री कन्हैयालाल थे जो कई बार विधायक रहे। आपने स्नातकोत्तर, एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त की। 1978 में आपका विवाह श्रीमती पुष्पा प्रकाश के साथ हुआ। आपका व्यवसाय कृषि, उद्योग एवं वकालत है। 1980 में आप दलित वर्ग संघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रहे। 1991 में युवा लोकदल संघठन के राष्ट्रीय महासचिव रहे। वर्ष 1991 में आप गोवर्धन सीट से जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के अजय कुमार पोइया को हराकर प्रथम बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में आप गोवर्धन सीट से भारतीय किसान कामगार पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े पर भाजपा के अजय कुमार पोइया के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2002 में आप गोवर्धन सीट से निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़े पर भाजपा के श्याम सिंह अहेरिया के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2007 में आप गोवर्धन सीट से रालोद के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और बसपा के अजय पोइया को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2012 में आप बलदेव सीट से रालोद के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और बसपा के चंद्रभान सिंह को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 में आप बलदेव सीट से भाजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और रालोद के निरंजन धनगर को हराकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे। वर्तमान में आप 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर बलदेव से प्रत्याशी हैं। वर्ष 1991-92 में आप अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2007-12 तक आप राष्ट्रीय लोकदल के मुख्य सचेतक रहे। 2007-09 तक आप अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2009-11 तक आप सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2011-12 तक आप अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2012-13 तक आप लोक लेखा समिति के सदस्य रहे। आपका मुख्यावास कृष्णा नगर, मथुरा में है।
विधायक प्रदीप माथुर (मथुरा)
प्रदीप माथुर का जन्म 25 नवम्बर 1955 को हुआ। इनके पिता का नाम राजेन्द्र बिहारी माथुर था। आपने बीएससी ऑनर्स, चार्टर्ड अकॉउंटेंसी, एलएलबी व एलएलएम तक शिक्षा हासिल की है। 1984 में आपका विवाह श्रीमती प्रीति माथुर के साथ हुआ। वर्ष 1981 में एक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के परिवार की सहायता के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने 1000 रुपये की धनराशि व प्रशस्ति पत्र द्वारा एवं दिल्ली की संस्था मानव सेवा महत्व ने 1983-84 में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। सामाजिक कार्यों के लिए मथुरा जेसीज ने जनपद के सर्वोत्तम युवा का पदक भी प्रदान किया। मथुरा ग्रेटर जेसीज के सदस्य रहे हैं। बहुत से नेत्र शिविरों में भी आपने काम किया है। विधवाओं के लिए पेंशन, गरीबों के लिए ऋण और प्रौढ़ शिक्षा के लिए भी आपने काम किया है। इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद हुए झगड़ों को निपटाने के लिए बनी ‘मुफ्त कानूनी सहायता समिति’ के आप अध्यक्ष रहे। वर्ष 1985 के चुनाव में आप पहली बार मथुरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 1989 और 91 के चुनावों में आपको भाजपा के रविकांत गर्ग के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2002 के चुनाव में आप कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के रविकांत गर्ग को हराकर विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में आप भाजपा के मुरारी लाल अग्रवाल को हराकर विधायक बने। वर्ष 2017 के चुनाव में आप भाजपा के देवेंद्र शर्मा को हराकर विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 के चुनाव में आप को भाजपा के श्रीकांत शर्मा के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्तमान में आप 2022 के चुनाव में मथुरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर प्रत्याशी हैं।
विधायक चौधरी लक्ष्मीनारायण (छाता)
चौधरी लक्ष्मी नारायण का जन्म 22 जुलाई 1951 को मथुरा जिले की छाता तहसील के सांचोली गांव में हुआ। इनके पिता का नाम श्री रतिराम था। आपने आगरा विश्वविद्यालय से एमए, एलएलबी तक शिक्षा हासिल की है। आप जिला सहकारी बैंक मथुरा के संचालक, कृषि उत्पादन मंडी समिति कोसी कलां के सभापति तथा आईटीआई कॉलेज मथुरा के संचालक रह चुके हैं। 1985 के विधानसभा चुनाव में आप लोकदल के टिकट पर चुनाव जीत कर छाता सीट से विधायक बने। वर्ष 1989 के विधानसभा चुनाव में आप छाता सीट से जनता दल के टिकट पर लड़े पर भाजपा के किशोरी श्याम के आगे हार गए। वर्ष 1993 का विधानसभा चुनाव आपने गोकुल सीट पर जनता दल के टिकट पर लड़ा पर वहां भाजपा के प्रनतपाल सिंह के आगे आपको सफलता नहीं मिली। वर्ष 1996 का विधानसभा चुनाव आप कांग्रेस के टिकट पर छाता सीट से लड़े और भाजपा के चंदन सिंह की हरा कर विधायक बने। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में आप अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर छाता से लड़े पर रालोद के तेजपाल सिंह के आगे हार गए। वर्ष 2007 का विधानसभा चुनाव आपने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर छाता सीट से लड़ा और रालोद के तेजपाल सिंह को हराकर विधायक बने। वर्ष 2012 का चुनाव आपने छाता सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर लड़ा पर इस बार रालोद के तेजपाल सिंह के आगे हार गए। वर्ष 2017 का चुनाव आपने भाजपा के टिकट पर छाता विधानसभा सीट से लड़ा और सपा समर्थित प्रत्याशी अतुल सिंह को हरा कर विधायक बने। 1997 से 2000 तक आप कल्याण सिंह व रामप्रकाश गुप्ता के मंत्रिमंडल में उद्यान विभाग के मंत्री रहे। 2007 से 2012 तक आप मायावती के मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री रहे। 2017 से 2022 के मध्य योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में आप दुग्ध विकास, धर्मार्थ कार्य, संस्कृति एवं अल्पसंख्यक कल्याण आदि विभागों के मंत्री बने। वर्तमान में आप भाजपा के टिकट पर छाता सीट से विधानसभा के प्रत्याशी हैं।
विधायक श्यामसुंदर शर्मा (मांट)
विधायक श्यामसुंदर शर्मा का जन्म 15 जुलाई 1952 को मथुरा जिले के मांट तहसील के पचहरा गांव में हुआ। मांट सीट से पूर्व में विधायक रहे लोकमणि शर्मा आपके पिता थे। आपने स्नातकोत्तर तक शिक्षा हासिल की। वर्ष 1976 में आपका विवाह श्रीमती सुधा शर्मा के साथ हुआ। आप जिला सहकारी बैंक लिमिटेड मथुरा तथा जिला सहकारी संघ लिमिटेड मथुरा के प्रशासक और सभापति रह चुके हैं। वर्ष 1989 के चुनाव में आप मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर प्रथम बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1991 के चुनाव में आप पुनः मांट सीट से कांग्रेसनक टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1993 के चुनाव में मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में आप मांट सीट से कांग्रेस (तिवारी) के टिकट पर लड़े और बसपा के हर्ष कुमार बघेल को हराकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2002 के चुनाव में आप मांट सीट से लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़े और बसपा के चौधरी प्रताप सिंह को हराकर पांचवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2007 के चुनाव में आप मांट सीट से लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़े और रालोद के रामपाल सिंह को हराकर छठवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में आप मांट सीट पर तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और रालोद के जयंत चौधरी के सामने चुनाव हार गए। जयंत चौधरी द्वारा विधानसभा से त्यागपत्र दिए जाने के बाद 2012 में ही हुए उपचुनाव में आप तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लड़े और रालोद के योगेश नौहवार को हराकर सातवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 के चुनाव में आप मांट सीट पर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और रालोद के योगेश नौहवार को हराकर आठवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्तमान में 2022 के विधानसभा चुनाव में आप मांट सीट पर बसपा से प्रत्याशी हैं। वर्ष 1993 में आप अखिल भारतीय कांग्रेस विधान मण्डल के मुख्य उप सचेतक, 1997 में लोक लेखा समिति के सदस्य, 1997 में कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में खेलकूद, युवा कल्याण, प्रांतीय विकास दल आदि विभागों के मंत्री, 1999 में रामप्रकाश गुप्ता मंत्रीमंडल में होमगार्ड्स, राजनैतिक पेंशन, नागरिक सुरक्षा आदि विभागों के मंत्री, 2000 में राजनाथ सिंह मंत्रिमंडल में होमगार्ड्स, राजनैतिक पेंशन, नागरिक सुरक्षा आदि विभागों के मंत्री, 2002 में मायावती मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा मंत्री एवं 2007 में प्राक्कलन समिति के सभापति बनाये गए। समाजसेवा, सहकारिता और ग्राम विकास में इनकी विशेष रुचि है।
विधायक राजकुमार रावत (गोकुल)
विधायक राजकुमार का जन्म एक जनवरी 1967 को ग्राम लोहवन जिला मथुरा में हुआ। आपके पिता का नाम श्री मूलचंद रावत है। आपने स्नातक तक शिक्षा हासिल की है। वर्ष 1990 में आपका विवाह श्रीमती विमलेश रावत के साथ हुआ। आपका व्यवसाय कृषि है। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में आप गोकुल विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर लड़े और रालोद के नवाब सिंह को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव आपने गोवर्धन सीट से बसपा के टिकट पर लड़ा और रालोद के मेघश्याम सिंह को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव आपने गोवर्धन सीट से बसपा के टिकट पर लड़ा पर भाजपा के कारिंदा सिंह के सामने असफलता हाथ लगी। वर्तमान में 2022 के विधानसभा चुनाव में आप गोवर्धन की सीट से बसपा के टिकट पर प्रत्याशी हैं। 2009-10 तक आप उत्तर प्रदेश विधानसभा की स्थानीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जांच संबंधी समिति के सदस्य रह चुके हैं। आपका मुख्यावास ग्राम लोहवन, जिला मथुरा में है।
(आंकड़े निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से लिये गए हैं)
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