विधानसभा चुनाव 2012 और मथुरा जिला

पिछले अंक में हमने जाना कि प्रदेश की तरह जिले में भी बसपा बढ़त में रही थी और उसका सीधा मुकाबला रालोद से हो रहा था। वर्ष 2012 के चुनाव में इस मुकाबले में रालोद ने बढ़त लेकर तीन सीटें जीत लीं और बसपा व कांग्रेस एक-एक सीट पर रहे। भाजपा पहले की तरह इस बार भी मुकाबले से बाहर रही। इस चुनाव में मांट सीट पर 1989 से विधायक चले आ रहे श्यामसुंदर शर्मा रालोद के जयंत चौधरी के सामने चुनाव हार गए लेकिन जयंत द्वारा यह पद छोड़ने के कारण हुए उपचुनाव में श्यामसुंदर शर्मा ने फिर से चुनाव जीत कर अपनी वापसी की।

गोवर्धन सीट से आरक्षण हुआ समाप्त 

इस बार सीटों के नाम, उनके क्रम और आरक्षण की स्तिथि में परिवर्तन देखने को मिला। पहला यह कि वर्ष 1967 के चुनाव से दलित आरक्षित चली आ रही गोवर्धन की सीट इस बार सामान्य हो गई। दूसरा यह कि आरक्षण फिर से गोकुल इस पर चला गया जैसा उस सीट के गठन के वक्त वर्ष 1962 के विधानसभा चुनाव में उसे आरक्षित रखा गया था। तीसरा परिवर्तन यह किया गया कि गोकुल सीट का नाम बदल कर अब बलदेव सीट कर दिया गया। इस बार सीटों के नाम और उनके क्रम निम्नवत रहे।

  1. छाता (81) 
  2. मांट (82)
  3. गोवर्धन (83)
  4. मथुरा (84)
  5. बलदेव (85) [सुरक्षित]

इस बार मतदान की तिथि थी 28-02-2012 और मत गणना हुई 06-03-2012 को।

कुछ इस तरह रहा चुनाव परिणाम

छाता विधानसभा क्षेत्र 

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 302037 थी, जिनमें से 69.78% यानी 210768 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 372 मत निरस्त पाए गए और 210397 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई रालोद के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे ठाकुर तेजपाल सिंह ने, जिन्हें 94757 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे बसपा के प्रत्याशी और पिछले बार के विधायक चौधरी लक्ष्मीनारायण, जिन्हें 80163 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय हेमंत गूजर, जिन्हें 11868 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे भाजपा के तरुण सेठ जिन्हें 7101 वोट मिले। सपा के लोकमणिकांत जादौन पांचवें स्थान पर रहे जिन्हें 5628 वोट मिले।

मांट विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 286964 थी, जिनमें से 70.62% यानी 202634 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 660 मत निरस्त पाए गए और 201974 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई रालोद के प्रत्याशी जयंत चौधरी ने, जिन्हें 87062 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे 1989 से लगातार इन सीट से विधायक चले आ रहे श्याम सुंदर शर्मा, जो इस बार तृण मूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। श्यामसुंदर शर्मा को 71007 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे बसपा के ठाकुर रामहेत सिंह, जिन्हें 32246 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे भाजपा के प्रत्याशी प्रणतपाल सिंह जिन्हें 3343 वोट मिले। 

मांट विधानसभा क्षेत्र (उपचुनाव 2012)

मांट सीट पर जीते जयंत चौधरी मथुरा लोकसभा सीट से सांसद भी थे। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपने लोकसभा की सदस्यता जारी रखना जरूरी समझा और मांट सीट से विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी। इसके चलते मांट सीट पर जून 2012 में उपचुनाव हुआ जिसमें 61.5% लोगों ने मतदान किया। उपचुनाव में जीत तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी श्यामसुंदर शर्मा के हाथ लगी, जिन्हें 67457 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे रालोद के प्रत्याशी योगेश नौहवार, जिन्हें 60853 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे सपा के संजय लाठर, जिन्हें 50839 वोट मिले। भाजपा और बसपा ने इस उपचुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे, वहीं कांग्रेस ने रालोद को समर्थन किया था।

गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र 

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 272700 थी, जिनमें से 67.41% यानी 183836 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 507 मत निरस्त पाए गए और 183329 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई बसपा के प्रत्याशी और पिछले बार गोकुल सीट से विधायक रहे राजकुमार रावत ने, जिन्हें 63725 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे रालोद के प्रत्याशी मेघश्याम सिंह, जिन्हें 42230 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे भाजपा के कारिंदा सिंह, जिन्हें 34073 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे सपा के प्रीतम सिंह, जिन्हें 12506 वोट मिले। पांचवें स्थान पर रहे लोकदल के दीपक चौधरी जिन्हें 11191 वोट मिले। छठे स्थान पर रहे निर्दलीय श्याम विनोद ‘रज्जो भईया’ जिन्हें 6013 वोट मिले।

मथुरा विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 358237 थी, जिनमें से 56.30% यानी 201702 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 1048 मत निरस्त पाए गए और 200654 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई कांग्रेस के प्रत्याशी और पिछले बार के विधायक प्रदीप माथुर ने, जिन्हें 54498 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे भाजपा के देवेंद्र कुमार शर्मा, जिन्हें 53997 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे सपा के प्रत्याशी डॉ. अशोक अग्रवाल, जिन्हें 53049 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहीं बसपा की प्रत्याशी और वृंदावन नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा शर्मा, जिन्हें 30240 वोट मिले।

बलदेव विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 317126 थी, जिनमें से 60.43% यानी 191652 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 565 मत निरस्त पाए गए और 191087 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई रालोद के प्रत्याशी और गोवर्धन सीट से पिछले बार के विधायक रहे पूरन प्रकाश ने, जिन्हें 79364 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे बसपा के प्रत्याशी चंद्रभान सिंह, जिन्हें 47270 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व में गोवर्धन सीट से विधायक रह चुके, अजय कुमार पोइया, जिन्हें 45372 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे सपा के अनिल कुमार जिन्हें 10149 वोट मिले।

एक नजर चुनाव परिणाम पर 

इस बार जिले की राजनीति रालोद के रंग में रंगी नजर आई थी। अपना अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए रालोद ने पांच में से तीन सीटों पर सफलता प्राप्त की थी। छाता की सीट रालोद के तेजपाल सिंह ने बसपा से छीन ली। जयंत चौधरी द्वारा मांट सीट छोड़ देने के बाद हुए उपचुनाव में मांट सीट रालोद के हाथ से निकल गई, जिससे रालोद की सीटों की संख्या जिले में दो रह गई। बसपा के राजकुमार रावत और रालोद के पूरन प्रकाश ने अपने विधानसभा क्षेत्र बदलने पर भी जीत दर्ज कराई। कांग्रेस के प्रदीप माथुर ने मथुरा की सीट बरकरार रखी। मांट के उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस के श्यामसुंदर शर्मा ने फिर से जीत दर्ज कराई। भाजपा और सपा को यहां कोई सफलता नहीं मिली।

विधायकों का परिचय

विधायक तेजपाल सिंह (छाता)

तेजपाल सिंह

विधायक तेजपाल सिंह का जन्म 5 सितंबर 1949 को मथुरा जिले की छात्रा तहसील के गांव बिडोरा में हुआ। आपके पिता का नाम श्री लोहरे सिंह था। आपने इलाहाबाद एवं आगरा विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर तक शिक्षा हासिल की। वर्ष 1977 में आपका विवाह श्रीमती सुधा सिंह के साथ हुआ। आप अध्यापक भी रहे हैं। वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान आप डीआईआर के अंतर्गत तीन मास तक जिला कारागार मथुरा में बंदी रहे हैं। वर्ष 1989-91 तक जनता दल के जिलाध्यक्ष, 1991-93 तक लोक दल के जिलाध्यक्ष व 1996-2000 तक समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। आपका व्यवसाय कृषि एवं व्यापार है। वर्ष 1991 के विधानसभा चुनाव में आप छाता सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े पर भाजपा के किशोरी श्याम के सामने सफलता नहीं मिली। वर्ष 1993 में आप जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के किशोरी श्याम को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में आप समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और कांग्रेस के लक्ष्मीनारायण के सामने पराजित हुए। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में आप रालोद के टिकट पर लड़े और लोकतांत्रिक कांग्रेस के प्रत्याशी लक्ष्मीनारायण को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2007 में आप फिर से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़े पर बसपा के लक्ष्मीनारायण के सामने हार गए। वर्ष 2012 के चुनाव में आप फिर से रालोद के टिकट पर लड़े और बसपा के लक्ष्मीनारायण को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 के चुनाव में आपने भाग नहीं लिया। वर्तमान में आप 2022 के चुनाव में रालोद के टिकट पर प्रत्याशी हैं। वर्ष 1993-96 तक आप प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे हैं। अक्टूबर 2002-मई 2003 तक आप मायावती के मंत्रिमंडल में लोक निर्माण विभाग के राज्यमंत्री रहे हैं। अक्टूबर 2003-जुलाई 2004 तक आप मुलायम सिंह मंत्रिमंडल में सिंचाई विभाग के राज्यमंत्री रहे हैं। 2006-07 तक आप सरकारी आश्वासन समिति के सदस्य रहे हैं। 2012-13 तक आप प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे हैं। जनसेवा में आपकी विशेष रुचि है।

विधायक श्यामसुंदर शर्मा (मांट)

श्यामसुंदर शर्मा

विधायक श्यामसुंदर शर्मा का जन्म 15 जुलाई 1952 को मथुरा जिले के मांट तहसील के पचहरा गांव में हुआ। मांट सीट से पूर्व में विधायक रहे लोकमणि शर्मा आपके पिता थे। आपने स्नातकोत्तर तक शिक्षा हासिल की। वर्ष 1976 में आपका विवाह श्रीमती सुधा शर्मा के साथ हुआ। आप जिला सहकारी बैंक लिमिटेड मथुरा तथा जिला सहकारी संघ लिमिटेड मथुरा के प्रशासक और सभापति रह चुके हैं। वर्ष 1989 के चुनाव में आप मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर प्रथम बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1991 के चुनाव में आप पुनः मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1993 के चुनाव में मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में आप मांट सीट से कांग्रेस (तिवारी) के टिकट पर लड़े और बसपा के हर्ष कुमार बघेल को हराकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2002 के चुनाव में आप मांट सीट से लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़े और बसपा के चौधरी प्रताप सिंह को हराकर पांचवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2007 के चुनाव में आप मांट सीट से लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़े और रालोद के रामपाल सिंह को हराकर छठवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में आप मांट सीट पर तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और रालोद के जयंत चौधरी के सामने चुनाव हार गए। जयंत चौधरी द्वारा विधानसभा से त्यागपत्र दिए जाने के बाद 2012 में ही हुए उपचुनाव में आप तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लड़े और रालोद के योगेश नौहवार को हराकर सातवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 के चुनाव में आप मांट सीट पर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और रालोद के योगेश नौहवार को हराकर आठवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्तमान में 2022 के विधानसभा चुनाव में आप मांट सीट पर बसपा से प्रत्याशी हैं। वर्ष 1993 में आप अखिल भारतीय कांग्रेस विधान मण्डल के मुख्य उप सचेतक, 1997 में लोक लेखा समिति के सदस्य, 1997 में कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में खेलकूद, युवा कल्याण, प्रांतीय विकास दल आदि विभागों के मंत्री, 1999 में रामप्रकाश गुप्ता मंत्रीमंडल में होमगार्ड्स, राजनैतिक पेंशन, नागरिक सुरक्षा आदि विभागों के मंत्री, 2000 में राजनाथ सिंह मंत्रिमंडल में  होमगार्ड्स, राजनैतिक पेंशन, नागरिक सुरक्षा आदि विभागों के मंत्री, 2002 में मायावती मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा मंत्री एवं 2007 में प्राक्कलन समिति के सभापति बनाये गए। समाजसेवा, सहकारिता और ग्राम विकास में इनकी विशेष रुचि है। 

विधायक राजकुमार रावत (गोवर्धन)

राजकुमार रावत

विधायक राजकुमार का जन्म एक जनवरी 1967 को ग्राम लोहवन जिला मथुरा में हुआ। आपके पिता का नाम श्री मूलचंद रावत है। आपने स्नातक तक शिक्षा हासिल की है। वर्ष 1990 में आपका विवाह श्रीमती विमलेश रावत के साथ हुआ। आपका व्यवसाय कृषि है। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में आप गोकुल विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर लड़े और रालोद के नवाब सिंह को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव आपने गोवर्धन सीट से बसपा के टिकट पर लड़ा और रालोद के मेघश्याम सिंह को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव आपने गोवर्धन सीट से बसपा के टिकट पर लड़ा पर भाजपा के कारिंदा सिंह के सामने असफलता हाथ लगी। वर्तमान में 2022 के विधानसभा चुनाव में आप गोवर्धन की सीट से बसपा के टिकट पर प्रत्याशी हैं। 2009-10 तक आप उत्तर प्रदेश विधानसभा की स्थानीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जांच संबंधी समिति के सदस्य रह चुके हैं। आपका मुख्यावास ग्राम लोहवन, जिला मथुरा में है।

विधायक प्रदीप माथुर (मथुरा)

प्रदीप माथुर

प्रदीप माथुर का जन्म 25 नवम्बर 1955 को हुआ। इनके पिता का नाम राजेन्द्र बिहारी माथुर था। आपने बीएससी ऑनर्स, चार्टर्ड अकॉउंटेंसी, एलएलबी व एलएलएम तक शिक्षा हासिल की है। 1984 में आपका विवाह श्रीमती प्रीति माथुर के साथ हुआ। वर्ष 1981 में एक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के परिवार की सहायता के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने 1000 रुपये की धनराशि व प्रशस्ति पत्र द्वारा एवं दिल्ली की संस्था मानव सेवा महत्व ने 1983-84 में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। सामाजिक कार्यों के लिए मथुरा जेसीज ने जनपद के सर्वोत्तम युवा का पदक भी प्रदान किया। मथुरा ग्रेटर जेसीज के सदस्य रहे हैं। बहुत से नेत्र शिविरों में भी आपने काम किया है। विधवाओं के लिए पेंशन, गरीबों के लिए ऋण और प्रौढ़ शिक्षा के लिए भी आपने काम किया है। इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद हुए झगड़ों को निपटाने के लिए बनी ‘मुफ्त कानूनी सहायता समिति’ के आप अध्यक्ष रहे। वर्ष 1985 के चुनाव में आप पहली बार मथुरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 1989 और 91 के चुनावों में आपको भाजपा के रविकांत गर्ग के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2002 के चुनाव में आप कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के रविकांत गर्ग को हराकर विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में आप भाजपा के मुरारी लाल अग्रवाल को हराकर विधायक बने। वर्ष 2017 के चुनाव में आप भाजपा के देवेंद्र शर्मा को हराकर विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 के चुनाव में आप को भाजपा के श्रीकांत शर्मा के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्तमान में आप 2022 के चुनाव में मथुरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर प्रत्याशी हैं।

विधायक पूरन प्रकाश (बलदेव)

पूरन प्रकाश

विधायक पूरन प्रकाश का जन्म 15 जुलाई 1955 को हुआ। आपके पिता श्री कन्हैयालाल थे जो कई बार विधायक रहे। आपने स्नातकोत्तर, एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त की। 1978 में आपका विवाह श्रीमती पुष्पा प्रकाश के साथ हुआ। आपका व्यवसाय कृषि, उद्योग एवं वकालत है। 1980 में आप दलित वर्ग संघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रहे। 1991 में युवा लोकदल संघठन के राष्ट्रीय महासचिव रहे। वर्ष 1991 में आप गोवर्धन सीट से जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के अजय कुमार पोइया को हराकर प्रथम बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में आप गोवर्धन सीट से भारतीय किसान कामगार पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े पर भाजपा के अजय कुमार पोइया के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2002 में आप गोवर्धन सीट से निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़े पर भाजपा के श्याम सिंह अहेरिया के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2007 में आप गोवर्धन सीट से रालोद के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और बसपा के अजय पोइया को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2012 में आप बलदेव सीट से रालोद के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और बसपा के चंद्रभान सिंह को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 में आप बलदेव सीट से भाजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और रालोद के निरंजन धनगर को हराकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे। वर्तमान में आप 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर बलदेव से प्रत्याशी हैं। वर्ष 1991-92 में आप अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2007-12 तक आप राष्ट्रीय लोकदल के मुख्य सचेतक रहे। 2007-09 तक आप अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2009-11 तक आप सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2011-12 तक आप अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2012-13 तक आप लोक लेखा समिति के सदस्य रहे। आपका मुख्यावास कृष्णा नगर, मथुरा में है।

(आंकड़े निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से लिये गए हैं।)

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