विधानसभा चुनाव 2017 और मथुरा जिला

पिछले अंक में हमने जाना कि मथुरा जनपद की राजनीति में राष्ट्रीय लोकदल अपनी मजबूत पकड़ बनाये हुए था और भाजपा लगातार दो चुनावों से यहां अपनी उपस्थिति तक दर्ज नहीं करा पा रही थी। वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव आते-आते बड़े पैमाने पर इस तस्वीर में परिवर्तन हुआ। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही उत्तर प्रदेश में भाजपा की बयार बहने लगी। इसका असर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में साफ देखने को मिला और भाजपा ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पांच में से चार सीटों पर जीत हासिल कर दिखाई।

वर्ष 2017 में हुआ था यह चुनाव

सीटों के नाम, क्रम और आरक्षण की स्थिति में इस बार कोई परिवर्तन नहीं हुआ। पिछले बार की तरह ही बलदेव की सीट आरक्षित रही। सीटों के नाम, उनके क्रम निम्नवत रहे।

  1. छाता (81)
  2. मांट (82)
  3. गोवर्धन (83)
  4. मथुरा (84)
  5. बलदेव (85) [सुरक्षित]

इस बार मतदान की तिथि थी 11-02-2017 और मतगणना की तिथि 11-03-2017 थी।

पहली बार दिखा नोटा का विकल्प

इस चुनाव में पहली बार नोटा का विकल्प ईवीएम पर चुनाव चिन्हों के साथ दिखा। नोटा यानी नन ऑफ द अबोव (इनमें से कोई नहीं)। यह व्यवस्था इसलिए की गई कि अगर आपको चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में से कोई पसंद न हो तो आप नोटा के बटन को दबाकर अपना मत दें। इस चुनाव में नोटा पर भी अच्छी संख्या में वोट डले। जिले की कोई भी सीट ऐसी नहीं थी जहां नोटा पर एक हजार से कम वोट आये हों। 

कुछ इस तरह रहा चुनाव परिणाम

छाता विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 340122 थी, जिनमें से 66.84% यानी 227343 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 21 मत निरस्त पाए गए और 227322 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व में विधायक रहे चौधरी लक्ष्मीनारायण ने, जिन्हें 117537 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे निर्दलीय एवं सपा समर्थित प्रत्याशी अतुल सिंह, जिन्हें 53699 वोट मिले। अतुल सिंह पिछले बार इस सीट पर विधायक रहे तेजपाल सिंह के पुत्र हैं। तीसरे स्थान पर रहे बसपा के प्रत्याशी मनोज पाठक, जिन्हें 41290 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे रालोद के प्रत्याशी ऋषिराज सिंह, जिन्हें 9801 वोट मिले। नोटा का विकल्प यहां छठवें स्थान पर रहा और उस पर 1224 वोट पड़े।

मांट विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 316496 थी, जिनमें से 66.57% यानी 210696 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 99 मत निरस्त पाए गए और 210597 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई बसपा के प्रत्याशी और 1989 से लगातार विधायक चले आ रहे श्यामसुंदर शर्मा ने, जिन्हें 65862 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे रालोद के प्रत्याशी योगेश नौहवार, जिन्हें 65430 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे भाजपा के सतीश कुमार शर्मा, जिन्हें 59871 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे कांग्रेस के जगदीश नौहवार जिन्हें 13270 वोट मिले। नोटा का विकल्प यहां छठवें स्थान पर रहा जिस पर 1253 वोट पड़े।

गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 311396 थी, जिनमें से 66.51% यानी 207114 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 42 मत निरस्त पाए गए और 207072 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई भाजपा के प्रत्याशी कारिंदा सिंह ने, जिन्हें 93538 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे बसपा के राजकुमार रावत, जिन्हें 60529 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे रालोद के प्रत्याशी कुंवर नरेंद्र सिंह, जिन्हें 40999 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे कांग्रेस के रणवीर पांडव, जिन्हें 5943 वोट मिले। नोटा का विकल्प यहां पांचवें स्थान पर रहा जिस पर 1398 वोट पड़े।

मथुरा विधानसभा क्षेत्र

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 425749 थी, जिनमें से 59.47% यानी 253211 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 140 मत निरस्त पाए गए और 253071 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई भाजपा के प्रत्याशी श्रीकांत शर्मा ने, जिन्हें 143361 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे कांग्रेस के प्रत्याशी और पिछले तीन बार से लगातार विधायक चले आ रहे प्रदीप माथुर, जिन्हें 42220 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे बसपा के योगेश द्विवेदी, जिन्हें 31168 वोट मिले। चौथे स्थान पर रहे रालोद के प्रत्याशी डॉ. अशोक अग्रवाल, जिन्हें 29080 वोट मिले। इस सीट पर नोटा का विकल्प सातवें स्थान पर रहा जिस पर 1235 वोट पड़े। 

बलदेव विधानसभा क्षेत्र 

इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 347607 थी, जिनमें से 66.71% यानी 231887 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। डाले गए मतों में से 117 मत निरस्त पाए गए और 231770 मत वैध पाए गए। इस सीट पर जीत दर्ज कराई भाजपा के प्रत्याशी और पिछले बार के विधायक पूरन प्रकाश ने, जिन्हें 88411 वोट मिले। इनके मुख्य मुकाबले में रहे रालोद के निरंजन सिंह धनगर, जिन्हें 75203 वोट मिले। तीसरे स्थान को रहे बसपा के प्रत्याशी प्रेमचंद, जिन्हें 53539 वोट मिले। पांचवें स्थान पर रहे सपा के रणवीर, जिन्हें 8893 वोट मिले। नोटा का विकल्प यहां पांचवें स्थान पर रहा जिस पर 1601 वोट पड़े।

विधायकों का परिचय

चौधरी लक्ष्मीनारायण (छाता)

चौधरी लक्ष्मीनारायण

चौधरी लक्ष्मी नारायण का जन्म 22 जुलाई 1951 को मथुरा जिले की छाता तहसील के सांचोली गांव में हुआ। इनके पिता का नाम श्री रतिराम था। आपने आगरा विश्वविद्यालय से एमए, एलएलबी तक शिक्षा हासिल की है। आप जिला सहकारी बैंक मथुरा के संचालक, कृषि उत्पादन मंडी समिति कोसी कलां के सभापति तथा आईटीआई कॉलेज मथुरा के संचालक रह चुके हैं। 1985 के विधानसभा चुनाव में आप लोकदल के टिकट पर चुनाव जीत कर छाता सीट से विधायक बने। वर्ष 1989 के विधानसभा चुनाव में आप छाता सीट से जनता दल के टिकट पर लड़े पर भाजपा के किशोरी श्याम के आगे हार गए। वर्ष 1993 का विधानसभा चुनाव आपने गोकुल सीट पर जनता दल के टिकट पर लड़ा पर वहां भाजपा के प्रनतपाल सिंह के आगे आपको सफलता नहीं मिली। वर्ष 1996 का विधानसभा चुनाव आप कांग्रेस के टिकट पर छाता सीट से लड़े और भाजपा के चंदन सिंह की हरा कर विधायक बने। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में आप अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर छाता से लड़े पर रालोद के तेजपाल सिंह के आगे हार गए। वर्ष 2007 का विधानसभा चुनाव आपने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर छाता सीट से लड़ा और रालोद के तेजपाल सिंह को हराकर विधायक बने। वर्ष 2012 का चुनाव आपने छाता सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर लड़ा पर इस बार रालोद के तेजपाल सिंह के आगे हार गए। वर्ष 2017 का चुनाव आपने भाजपा के टिकट पर छाता विधानसभा सीट से लड़ा और सपा समर्थित प्रत्याशी अतुल सिंह को हरा कर विधायक बने। 1997 से 2000 तक आप कल्याण सिंह व रामप्रकाश गुप्ता के मंत्रिमंडल में उद्यान विभाग के मंत्री रहे। 2007 से 2012 तक आप मायावती के मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री रहे। 2017 से 2022 के मध्य योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में आप दुग्ध विकास, धर्मार्थ कार्य, संस्कृति एवं अल्पसंख्यक कल्याण आदि विभागों के मंत्री बने। वर्तमान में आप भाजपा के टिकट पर छाता सीट से विधानसभा के प्रत्याशी हैं।

श्यामसुंदर शर्मा (मांट)

श्यामसुंदर शर्मा

विधायक श्यामसुंदर शर्मा का जन्म 15 जुलाई 1952 को मथुरा जिले के मांट तहसील के पचहरा गांव में हुआ। मांट सीट से पूर्व में विधायक रहे लोकमणि शर्मा आपके पिता थे। आपने स्नातकोत्तर तक शिक्षा हासिल की। वर्ष 1976 में आपका विवाह श्रीमती सुधा शर्मा के साथ हुआ। आप जिला सहकारी बैंक लिमिटेड मथुरा तथा जिला सहकारी संघ लिमिटेड मथुरा के प्रशासक और सभापति रह चुके हैं। वर्ष 1989 के चुनाव में आप मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर प्रथम बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1991 के चुनाव में आप पुनः मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1993 के चुनाव में मांट सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़े और जनता दल के कुशलपाल सिंह को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में आप मांट सीट से कांग्रेस (तिवारी) के टिकट पर लड़े और बसपा के हर्ष कुमार बघेल को हराकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2002 के चुनाव में आप मांट सीट से लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़े और बसपा के चौधरी प्रताप सिंह को हराकर पांचवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2007 के चुनाव में आप मांट सीट से लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़े और रालोद के रामपाल सिंह को हराकर छठवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में आप मांट सीट पर तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और रालोद के जयंत चौधरी के सामने चुनाव हार गए। जयंत चौधरी द्वारा विधानसभा से त्यागपत्र दिए जाने के बाद 2012 में ही हुए उपचुनाव में आप तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लड़े और रालोद के योगेश नौहवार को हराकर सातवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 के चुनाव में आप मांट सीट पर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और रालोद के योगेश नौहवार को हराकर आठवीं बार विधानसभा पहुंचे। वर्तमान में 2022 के विधानसभा चुनाव में आप मांट सीट पर बसपा से प्रत्याशी हैं। वर्ष 1993 में आप अखिल भारतीय कांग्रेस विधान मण्डल के मुख्य उप सचेतक, 1997 में लोक लेखा समिति के सदस्य, 1997 में कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में खेलकूद, युवा कल्याण, प्रांतीय विकास दल आदि विभागों के मंत्री, 1999 में रामप्रकाश गुप्ता मंत्रीमंडल में होमगार्ड्स, राजनैतिक पेंशन, नागरिक सुरक्षा आदि विभागों के मंत्री, 2000 में राजनाथ सिंह मंत्रिमंडल में  होमगार्ड्स, राजनैतिक पेंशन, नागरिक सुरक्षा आदि विभागों के मंत्री, 2002 में मायावती मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा मंत्री एवं 2007 में प्राक्कलन समिति के सभापति बनाये गए। समाजसेवा, सहकारिता और ग्राम विकास में इनकी विशेष रुचि है। 

कारिंदा सिंह (गोवर्धन)

कारिंदा सिंह

विधायक कारिंदा सिंह का जन्म 12 जनवरी 1954 को मथुरा जिले के गांव छडग़ांव में हुआ। इनके पिता का नाम श्री चंदन सिंह है। आपने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की है। आपका व्यवसाय कृषि है। आप दीन दयाल उपाध्याय स्मारक समिति नगला चंद्रभान, मथुरा के आजीवन उपाध्यक्ष हैं। आप मेला समिति दीन दयाल धाम के उपाध्यक्ष रहे हैं। आप दीन दयाल धाम इंटर कॉलेज नगला चंद्रभान, मथुरा के अध्यक्ष हैं। वर्ष 2012 में आपने भाजपा के टिकट पर गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था पर बसपा के राजकुमार रावत के सामने सफलता नहीं मिली। वर्ष 2017 में आपने गोवर्धन सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और बसपा के राजकुमार रावत को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। आपका मुख्यावास गांव-छडग़ांव, पोस्ट भैंसा, जिला मथुरा में है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में आपने हिस्सा नहीं लिया है। आपकी अभिरुचि समाज सेवा में है।

श्रीकांत शर्मा (मथुरा)

श्रीकांत शर्मा

श्रीकांत शर्मा का जन्म एक जुलाई 1970 को मथुरा जिले की गोवर्धन तहसील के गांव गांठौली में हुआ। आपके पिता का नाम श्री राधारमण शर्मा था। आपने स्नातक तक शिक्षा हासिल की। आपका विवाह श्रीमती शालिनी शर्मा के साथ हुआ। आपका व्यवसाय व्यापार है। आप 1990-91 तक पीजी डीएवी कॉलेज में छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दिल्ली के विभाग प्रमुख रहे हैं। 2008-14 तक आप भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रहे हैं। 2014-17 तक आप भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं मीडिया प्रभारी रहे हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में आप मथुरा सीट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और लगातार पन्द्रह वर्ष से विधायक चले आ रहे कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदीप माथुर को हराकर विधानसभा पहुंचे। 2017 में आप योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में ऊर्जा मंत्री बनाये गए। वर्तमान में 2022 के विधानसभा चुनाव में आप मथुरा सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं।

पूरन प्रकाश (बलदेव)

पूरन प्रकाश

विधायक पूरन प्रकाश का जन्म 15 जुलाई 1955 को हुआ। आपके पिता श्री कन्हैयालाल थे जो कई बार विधायक रहे। आपने स्नातकोत्तर, एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त की। 1978 में आपका विवाह श्रीमती पुष्पा प्रकाश के साथ हुआ। आपका व्यवसाय कृषि, उद्योग एवं वकालत है। 1980 में आप दलित वर्ग संघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रहे। 1991 में युवा लोकदल संघठन के राष्ट्रीय महासचिव रहे। वर्ष 1991 में आप गोवर्धन सीट से जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के अजय कुमार पोइया को हराकर प्रथम बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 1996 में आप गोवर्धन सीट से भारतीय किसान कामगार पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े पर भाजपा के अजय कुमार पोइया के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2002 में आप गोवर्धन सीट से निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़े पर भाजपा के श्याम सिंह अहेरिया के सामने हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2007 में आप गोवर्धन सीट से रालोद के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और बसपा के अजय पोइया को हराकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2012 में आप बलदेव सीट से रालोद के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और बसपा के चंद्रभान सिंह को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2017 में आप बलदेव सीट से भाजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और रालोद के निरंजन धनगर को हराकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे। वर्तमान में आप 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर बलदेव से प्रत्याशी हैं। वर्ष 1991-92 में आप अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2007-12 तक आप राष्ट्रीय लोकदल के मुख्य सचेतक रहे। 2007-09 तक आप अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2009-11 तक आप सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2011-12 तक आप अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा विमुक्त जातियों सम्बन्धी संयुक्त समिति के सदस्य रहे। 2012-13 तक आप लोक लेखा समिति के सदस्य रहे। आपका मुख्यावास कृष्णा नगर, मथुरा में है।

(आंकड़े निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से लिये गए हैं।)

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