भरतपुर के किले का नाम लोहागढ़ है। महाराजा सूरजमल के बनवाये इस महल का मुख्य भाग है किशोरी महल। किशोरी महल महारानी किशोरी का निवास […]
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मोती कुंड नंदगांव
नंदगांव का कण कण श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षी है। यहां श्रीकृष्ण की हर उस लीला के चिन्ह हैं जिनका वर्णन पुराणों में किया गया […]
आसेश्वर महादेव नंदगांव
आसेश्वर नाम से ही झलकता है कि यह स्थान आशा पूर्ति से संबंधित है। पर यह आशा है किसकी?सबकी आशाओं की पूर्ति करने वाले शिव […]
टेर कदम्ब नंदगांव
टेर लगाना यानी आवाज लगाना या पुकारना। श्रीकृष्ण जब गाएं चराने वन में जाते थे तो एक कदम्ब के वृक्ष पर चढ़कर गायों को हेला […]
दोमिल वन : जहां मिलते थे राधा-कृष्ण
बरसाना और नंदगांव के बीच स्थित है संकेत वन। संकेत राधा कृष्ण की प्रथम मिलन स्थली है। संकेत वन के अंतर्गत दोमिल वन स्थित है। […]
नंदीश्वर पर्वत पर बने नंदभवन की शोभा है न्यारी
नंदगांव को भला कौन नहीं जानता? ब्रजवास के दौरान श्रीकृष्ण ने यहीं निवास किया था। उनकी अनेक लीलाओं के साक्षी है नंदगांव। यहां के नंदीश्वर […]
दिव्य यशोदा कुंड और जीर्ण हाऊ-बिलाऊ
यशोदा कुंड नन्दगांव में स्थित है। इस कुंड का बड़ा महत्त्व है। यह श्रीकृष्ण की माँ के नाम पर है। इसी कुंड के तट पर […]
चरण पहाड़ी पर अंकित हैं श्रीकृष्ण के चरण चिन्ह
नन्दगांव में चरण पहाड़ी है। चरण पहाड़ी जहां श्रीकृष्ण के चरण पड़े। यहां उनके चरण चिन्ह भी अंकित हैं। यहां से कामां जाने के रास्ते […]
इस बर्तन में दही को बिलोकर माखन निकालती थीं यशोदा मैया
नंदगांव यानी कृष्ण का गांव। यहां तो पग-पग पर कृष्ण के चिन्ह मिलने ही हैं। नन्दबैठक के पास ही है मांट। मांट यानी मटका। ये […]
उद्धव क्यारी : जहां गोपियों के समक्ष धराशाई हुआ उद्धव का ज्ञान
ज्ञानी गुमानी धनी जाओ रे यहां से, यहां तो राज बावरे ठाकुर को। बैजू बावरा की यह पंक्तियां ब्रज का एक विलक्षण प्रेम स्वरूप उजागर […]
कान्हा को प्रिय है पनिहारी कुंड का पानी
भारत के किसी गांव का चित्र बनाएं तो बिना पनघट के वह अधूरा होगा। सिर पर मटकियों में जल भर के लाती स्त्रियों गांव के […]
नन्द बैठक : जहां हुआ था इंद्र के खिलाफ निर्णय
नंदगांव नंदबाबा का गांव है। कृष्ण का गांव है। उनका जन्म मथुरा में हुआ। बचपन के कुछ दिन गोकुल में बीते। चार वर्ष की अवस्था […]
नंदगांव की वृंदा देवी : जिसने दिया धर्मराज को श्राप
वृंदा कुंड नंदगांव में स्थित एक रमणीक सरोवर है। वृंदा यानी तुलसी की लहलहाती क्यारी से आती महक और कुंड में खिले कमल पुष्पों की […]