भारतेंदु मण्डल के नक्षत्र राधाचरण गोस्वामी


राधाचरण गोस्वामी वृन्दावन में जन्मे एक महान साहित्यकार, पत्रकार और समाज सुधारक थे। गोस्वामीजी भारतेंदु युग के थे और उन्हें भारतेंदु मण्डल का नक्षत्र कहा गया है। श्री गोस्वामीजी के समाज और साहित्य के लिए किए गए अतुलनीय योगदान की स्मरण कर उन्हें नई पीढ़ी के सामने लाने के लिए वृन्दावन में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। 

संगोष्ठी का आयोजन भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा एवं ब्रज संस्कृति शोध संस्थान के द्वारा किया जा रहा है। यह संगोष्ठी दो दिवसीय होगी। जो 28 एवं 29 मार्च (2020) को होगी।

संगोष्ठी का विषय


इस संगोष्ठी हेतु विद्वान-अध्येताओं से शोधपत्र आमंत्रित किये गए हैं। यह संगोष्ठी भारतेंदु युगीन वृन्दावन के प्रसिद्ध साहित्यकार, पत्रकार एवम समाज सुधारक राधाचरण गोस्वामी के व्यक्तित्व एवम कृतित्व को विविध दृष्टिकोणो से देखने और समग्र रूप से समझने का प्रयास है। अतः सभी शोध पत्र एवं प्रस्तुतियां इसी अवधारणा पर आधारित होनी चाहिए।

“भारतेंदु मण्डल के नक्षत्र राधाचरण गोस्वामी”

शोधपत्र भेजने के सम्बंध में जानकारी


शोधपत्र का सारांश अधिकतम 500 शब्दों में होना चाहिए। यह सारांश यूनिकोड अथवा कृतिदेव 10 फॉन्ट में टाइप किया हुआ होना चाहिए। सारांश  भेजने की अंतिम तिथि 10 मार्च 2020 तक है। शोध पत्र स्वीकृत होने की सूचना 15 मार्च 2020 तक दे दी जाएगी। 22 मार्च 2020 तक सम्पूर्ण शोधपत्र भेजना अनिवार्य है। संगोष्ठी में चयनित शोध पत्रों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाना प्रस्तावित है।

संगोष्ठी हेतु प्रस्तावित विषय


संगोष्ठी हेतु प्रस्तावित विषय निम्न में से कोई भी चुन सकते हैं :

1 समाज सुधारक की भूमिका में राधाचरण गोस्वामी

2 भक्तमाल साहित्य की परंपरा और राधाचरण गोस्वामी कृत नवभक्तमाल

3 राधाचरण गोस्वामी : ब्रजभाषा एवम खड़ीबोली द्वंद्व

4 बाल विधवाओं की समस्या पर राधाचरण गोस्वामी का लेखन

5 राधाचरण गोस्वामी की हिंदी पत्रकारिता

6 स्वतंत्रता आंदोलन में राधाचरण गोस्वामी की भूमिका

7 हिंदी प्रसहनों के विकास में राधाचरण गोस्वामी का योगदान

8 राधाचरण गोस्वामी के साहित्य में सामाजिक चेतना

9 राधाचरण गोस्वामी का ब्रजभाषा काव्य

10 राधाचरण गोस्वामी मध्वगोडेश्वर संप्रदायाचार्य के रुप में

11 राधाचरण गोस्वामी का उपन्यास साहित्य

12 अनुवादक की भूमिका में राधाचरण गोस्वामी

13 भारतेंदु युग और राधाचरण गोस्वामी

14 युग द्रष्टा और स्रष्टा की भूमिका में राधाचरण गोस्वामी

15 विधवा पुनर्विवाह पर राधाचरण गोस्वामी का लेखन

16 राधाचरण गोस्वामी : आधुनिकता और सनातनी परम्परा का निर्वहन

17 राधाचरण गोस्वामी का व्यंग साहित्य

18 वृन्दावन में राधाचरण गोस्वामी द्वारा स्थापित पुस्तकालय एवम उसकी दुर्लभ सामग्री

राधाचरण गोस्वामी के व्यक्तित्व एवम कृतित्व के साथ साथ संगोष्ठी में भारतेंदु युग पर केंद्रित अन्य विषयों पर शोध पत्र भी प्रस्तुत किये जा सकते हैं।

आयोजन स्थल


ब्रज संस्कृति शोध संस्थान

(ब्रज के इतिहास, पुरातत्व, कला, साहित्य और लोक संस्कृति की शोध अकादमी)

मन्दिर श्री गोदाविहार परिसर, गोपेश्वर मार्ग, वृन्दावन।


error: Content is protected !!