दो खामोश आंखें – 22 Posted on 2nd February 2011 by Yogendra Singh Chhonkar योगेन्द्र सिंह छोंकर जाकर मुझ से दूर न छीन पायीं मेरा सुकूं शायद इसलिए मुझसे दूर हो गयीं दो खामोश ऑंखें