दो खामोश आंखें – 4

योगेन्द्र सिंह छोंकर
तेरी हैं या
मेरी हैं
या हैंं किसी और की
किसकी हैं
ये तो खुद भी नहीं जानती
दो खामोश ऑंखें

दो खामोश आंखें – 3

योगेन्द्र सिंह छोंकर तेरे जाने का ख्याल मुझे दहशत नहीं देता मत समझना मैं तुम्हे दिल से नहीं लेता न […]

दो खामोश आंखें – 5

योगेन्द्र सिंह छोंकर हो जाऊं जहाँ के लिए मसीहा या फिर कातिल मैं क्या हूँ जानती हैं बखूबी दो खामोश […]

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