दो खामोश आंखें – 26

योगेन्द्र सिंह छोंकर
ऊपर से
एक वचन
नीचे से बहु वचन
बताती हैं पैजामे को
पर
देख लहंगे को
पशोपेश में
पड़ जाती हैं
दो खामोश ऑंखें
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