दो खामोश आंखें – 26

योगेन्द्र सिंह छोंकर
ऊपर से
एक वचन
नीचे से बहु वचन
बताती हैं पैजामे को
पर
देख लहंगे को
पशोपेश में
पड़ जाती हैं
दो खामोश ऑंखें

दो खामोश आंखें – 25

योगेन्द्र सिंह छोंकर आधी रात के वक़्त बन संवर कर रेड लाइट एरिया में गाड़ियों की हेड लाइटों से चुंधियाती […]

दो खामोश आंखें – 27

योगेन्द्र सिंह छोंकर अपने बच्चे का निवाला कोयल कुल के कंठ में डालने वाले कौए को सदा ही दुत्कारती हैं दो […]

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