दो खामोश आंखें – 27

योगेन्द्र सिंह छोंकर
अपने बच्चे का
निवाला
कोयल कुल के
कंठ में
डालने वाले
कौए को
सदा ही
दुत्कारती हैं
दो खामोश ऑंखें  

दो खामोश आंखें – 26

योगेन्द्र सिंह छोंकर ऊपर से एक वचन नीचे से बहु वचन बताती हैं पैजामे को पर देख लहंगे को पशोपेश […]

दो खामोश आंखें – 28

योगेन्द्र सिंह छोंकर कमनीय काया और करुण कोमल  कंठ  का मार्ग में  प्रदर्शन करने वाली कंजरी की ओर सिक्का उछालती हुई उसकी […]

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