योगेन्द्र सिंह छोंकर
अपने बच्चे का
निवाला
कोयल कुल के
कंठ में
डालने वाले
कौए को
सदा ही
दुत्कारती हैं
दो खामोश ऑंखें
अपने बच्चे का
निवाला
कोयल कुल के
कंठ में
डालने वाले
कौए को
सदा ही
दुत्कारती हैं
दो खामोश ऑंखें
योगेन्द्र सिंह छोंकर ऊपर से एक वचन नीचे से बहु वचन बताती हैं पैजामे को पर देख लहंगे को पशोपेश […]
Previous Articleयोगेन्द्र सिंह छोंकर कमनीय काया और करुण कोमल कंठ का मार्ग में प्रदर्शन करने वाली कंजरी की ओर सिक्का उछालती हुई उसकी […]
Next Article
You must log in to post a comment.