मथुरा जिले से प्रकाशित पुराने पत्र पत्रिकाएं

मथुरा जिले के सबसे पहले प्रकाशित होने वाला पत्र था नैरंग मज़ामिन (Nairang Mazamin), जो एक मासिक अखबार था यह 1883 ई. में प्रकाशित हुआ। […]

दो खामोश आंखें -33

योगेन्द्र सिंह छोंकर  घर कहाँ मंदिर के सामने मंदिर कहाँ घर के सामने दोनों कहाँ आमने सामने कुछ बता कर नहीं देती हैं दो खामोश […]

दो खामोश आंखें -32

योगेन्द्र सिंह छोंकर  गणेश जी का दूध पीना सागर जल मीठा होना रोटी प्याज़ वाली डायन कटे बैंगन में ॐ दीवार पर साईं कितनी सहजता […]

मजदूर के लिए 2

योगेन्द्र सिंह छोंकर ओ मेरी रहनुमाई के दावेदारों जरा सुनो मेरी आवाज़ नहीं चाहिए मुझे धरती का राज गर सो सके तो करा दो सुलभ […]

दो खामोश आंखें पीठ में सुराख किये जाती हैं

योगेन्द्र सिंह छोंकर दो खामोश ऑंखें मेरी पीठ में सुराख़ किए  जाती हैं! माना इश्क है खुदा क्यों मुझ काफ़िर को पाक किए जाती हैं! भागता हूँ […]

दो खामोश आंखें – 31

योगेन्द्र सिंह छोंकर मंदिर हो या कोई मजार किसी नदी का पुल हो, कटोरा किसी भिखारी  का या शाहजहाँ की कब्र एक ही भाव सिक्का फैंकती है […]

दो खामोश आंखें – 28

योगेन्द्र सिंह छोंकर कमनीय काया और करुण कोमल  कंठ  का मार्ग में  प्रदर्शन करने वाली कंजरी की ओर सिक्का उछालती हुई उसकी फटी बगल से झांकती छाती […]

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