दो खामोश आंखें -33

योगेन्द्र सिंह छोंकर 
घर कहाँ
मंदिर के सामने
मंदिर कहाँ
घर के सामने
दोनों कहाँ
आमने सामने
कुछ बता कर नहीं देती हैं
दो खामोश आँखें

दो खामोश आंखें -32

योगेन्द्र सिंह छोंकर  गणेश जी का दूध पीना सागर जल मीठा होना रोटी प्याज़ वाली डायन कटे बैंगन में ॐ […]

पर्यावरण गीत

आओ हम सब मिल कर आज ये संकल्प उठाये वसन विहीन वसुंधरा को एक चादर हरी उढ़ाए रहे सदा से […]

error: Content is protected !!