योगेन्द्र सिंह छोंकर
घर कहाँ
मंदिर के सामने
मंदिर कहाँ
घर के सामने
दोनों कहाँ
आमने सामने
कुछ बता कर नहीं देती हैं
दो खामोश आँखें
घर कहाँ
मंदिर के सामने
मंदिर कहाँ
घर के सामने
दोनों कहाँ
आमने सामने
कुछ बता कर नहीं देती हैं
दो खामोश आँखें
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