नंदगांव ब्रज का ऐसा स्थान है जो प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न है। ब्रज भक्ति विलास ग्रंथ के अनुसार यहां 56 कुंड थे। आज भी दो दर्जन से अधिक जलाशय यहां मौजूद हैं। कृष्णकालीन चिन्ह भी यहां सर्वाधिक हैं। पावन सरोवर उनमें से एक है।
पावन गोप ने कराया था निर्माण
पावन सरोवर ब्रज के द्वापरकालीन स्थानों में से एक है। इसके निर्माण के पीछे यह मान्यता है कि इसका निर्माण पावन नामक एक गोप ने कराया था। यह पावन गोप राधारानी की प्रमुख सखी विशाख के पिता थे। यह एक विशाल सरोवर है। संवत 1804 में वर्धवान राज्य की एक रानी ने इस कुंड का जीर्णोद्धार कराया था।
श्रीकृष्ण गायों को पिलाते थे पानी
स्थानीय लोग कहते हैं कि इस कुंड का जल श्रीकृष्ण अपनी गायों को पिलाते थे। गोचरण से लौटते समय श्रीकृष्ण अपनी गायों को इस कुंड पर ले जाते थे। गायें इस कुंड का जल पीकर तृप्त होती थीं।
तीर्थराज प्रयाग खुद पावन सरोवर में स्नान को आए
मान्यता है कि एक बार नन्दबाबा ने प्रयागराज जाकर तीर्थयात्रा करने का मन बनाया। इससे पहले कि नन्दबाबा प्रयागराज स्नान को जाते अक्षय तृतीया का पर्व पड़ा। अक्षय तृतीया को नन्दबाबा ने देखा कि प्रयागराज स्वयं पावन सरोवर में स्नान करने आए। पावन सरोवर के इस महात्म्य को नन्दबाबा ने भी स्वीकार किया। यह कथा स्थानीय लोगों द्वारा कही जाती है। इस कथा की विश्वसनीयता का भले ही कोई आधार नहीं है पर अक्षय तृतीया को लोग बड़ी आस्था के साथ इस कुंड में आज भी डुबकी लगाते हैं।
स्वयं चैतन्य महाप्रभु ने इस कुंड में किया था स्नान
पावन सरोवर में चैतन्य महाप्रभु ने भी डुबकी लगाई थी। चैतन्य चरितामृत ग्रंथ में मिले विवरण के अनुसार चैतन्य महाप्रभु नंदगांव आये थे। चैतन्य नंदगांव में पावन सरोवर के तट पर रुके। उन्होंने इस कुंड में स्नान किया। कुंड में स्नान करने के बाद चैतन्य महाप्रभु में नंदीश्वर पर्वत की एक गुफा में नन्दबाबा, यशोदा और श्रीकृष्ण के दर्शन किये थे।
महाप्रभु बल्लभाचार्य की बैठक है कुंड के तट पर
पावन सरोवर के तट पर महाप्रभु बल्लभाचार्य की बैठक स्थित है। बल्लभाचार्य जी की कुल 84 बैठकों का उल्लेख मिलता है। ये बैठक वे स्थान हैं जहां बल्लभाचार्य जी ने कथा परायण किया था। ब्रज में 24 बैठक हैं। नंदगांव में पावन सरोवर के तट पर बल्लभाचार्य जी ने कथा पारायण किया था। पुष्टिमार्ग के अनुयायियों की इस स्थान के प्रति अगाध आस्था है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
सनातन गोस्वामी ने किया था तप
इस कुंड के तट पर सनातन गोस्वामी की भजन स्थली भी मौजूद है। यहां पर गोस्वामी जी ने लंबे समय तक भजन किया था। बाद में भी बड़ी संख्या में गौड़ीय संतों ने यहां भजन किया। आज भी कई संत यहां भजन करते मिलते हैं। संत कृष्णदास की समाधि भी यहीं स्थित है। कुंड के तट पर पावन बिहारी का मन्दिर भी स्थित है।
कैसे पहुंचे
पावन सरोवर नंदगांव में कोसी से कामां जाने वाले मार्ग पर स्थित है। समीप ही श्रीकृष्ण चैतन्य कॉलेज है जिसके पीछे यह कुंड स्थित है।
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