चरण पहाड़ी पर अंकित हैं श्रीकृष्ण के चरण चिन्ह

नन्दगांव में चरण पहाड़ी है। चरण पहाड़ी जहां श्रीकृष्ण के चरण पड़े। यहां उनके चरण चिन्ह भी अंकित हैं। यहां से कामां जाने के रास्ते […]

इस बर्तन में दही को बिलोकर माखन निकालती थीं यशोदा मैया

नंदगांव यानी कृष्ण का गांव। यहां तो पग-पग पर कृष्ण के चिन्ह मिलने ही हैं। नन्दबैठक के पास ही है मांट। मांट यानी मटका। ये […]

उद्धव क्यारी : जहां गोपियों के समक्ष धराशाई हुआ उद्धव का ज्ञान

ज्ञानी गुमानी धनी जाओ रे यहां से, यहां तो राज बावरे ठाकुर को। बैजू बावरा की यह पंक्तियां ब्रज का एक विलक्षण प्रेम स्वरूप उजागर […]

नन्द बैठक : जहां हुआ था इंद्र के खिलाफ निर्णय

नंदगांव नंदबाबा का गांव है। कृष्ण का गांव है। उनका जन्म मथुरा में हुआ। बचपन के कुछ दिन गोकुल में बीते। चार वर्ष की अवस्था […]

नंदगांव की वृंदा देवी : जिसने दिया धर्मराज को श्राप

वृंदा कुंड नंदगांव में स्थित एक रमणीक सरोवर है। वृंदा यानी तुलसी की लहलहाती क्यारी से आती महक और कुंड में खिले कमल पुष्पों की […]

ब्रज में भी विराजते हैं बाबा केदारनाथ

वयोवृद्ध नंदबाबा और यशोदा मैया ने जब चारों धामों की यात्रा करने का निर्णय किया तो श्रीकृष्ण ने उन्हें इस मुश्किल यात्रा पर भेजने से […]

वीरवर गोकुला

आगरा में हुआ था बलिदान आज ही के दिन 1760 ईस्वी को यानी एक जनवरी को आगरा के किले के बाहर एक किसान क्रांतिकारी योद्धा […]

राधाजी की मां का सरोवर ‘कीर्ति कुंड’

राधाजी की मां हैं कीर्ति महारानी। कीर्ति महारानी के नाम से बरसाना में कुछेक निशानियां हैं। जैसे वृषभानु जी मन्दिर में कीर्ति महारानी के विग्रह […]

राधा रानी के पिता का सरोवर : वृषभानु कुंड

(बरसाना का प्रसिद्ध वृषभानु कुंड और विहंगम जल महल) बरसाना के पुराने नाम के तौर पर वृषभानुपुर का उल्लेख मिलता है। वृषभानुपुर इसलिए क्योंकि राधाजी […]

पर्यावरण पुरोधा सन्त रमेश बाबा

(संत रमेश बाबा जिन्होंने ब्रज के पौराणिक स्वरूप को बचाने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है।) आज जिनकी कथा मैं यहां प्रस्तुत कर रहा हूँ […]

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