वृन्दावन का कण-कण राधा और कृष्ण की लीलाओं का साक्षी है। यहां की हर लता-पता और कुंज भक्तों की साधना स्थली है। कितने ही रसिक […]
Author: Yogendra Singh Chhonkar
प्राचीन मथुरा की खोज भाग छह
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा नगरी सच में तीन लोक से न्यारी है। आमजन इसकी कहानी को बस श्रीकृष्ण से जोड़कर ही जानते हैं जबकि […]
प्राचीन मथुरा की खोज-भाग पांच
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा नगरी सच में तीन लोक से न्यारी है। आमजन इसकी कहानी को बस श्रीकृष्ण से जोड़कर ही जानते हैं जबकि […]
प्राचीन मथुरा की खोज-भाग चार
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा नगरी सच में तीन लोक से न्यारी है। आमजन इसकी कहानी को बस श्रीकृष्ण से जोड़कर ही जानते हैं जबकि […]
प्राचीन मथुरा की खोज-भाग तीन
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा नगरी सच में तीन लोक से न्यारी है। आमजन इसकी कहानी को बस श्रीकृष्ण से जोड़कर ही जानते हैं जबकि […]
प्राचीन मथुरा की खोज-भाग दो
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा नगरी सच में तीन लोक से न्यारी है। आमजन इसकी कहानी को बस श्रीकृष्ण से जोड़कर ही जानते हैं जबकि […]
प्राचीन मथुरा की खोज-भाग एक
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा नगरी सच में तीन लोक से न्यारी है। आमजन इसकी कहानी को बस श्रीकृष्ण से जोड़कर ही जानते हैं जबकि […]
आओ ब्रज को जानें!
ब्रज की तीर्थ संस्कृति पर केंद्रित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन वृन्दावन में किया जा रहा है। ब्रज की सांस्कृतिक विरासत और लोक संस्कृति […]
दूसरे नम्बर पर रहा नोटा
महाराष्ट्र में एक जिला है लातूर। यहां कुल छह विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें से एक है लातूर रूरल। यह सीट हालिया विधानसभा चुनावों में वोटों […]
गाँधीजी की ब्रज यात्राएं
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का ब्रज से लगाव रहा। वे कई बार यहां आए। इस वर्ष जब सारा राष्ट्र उनकी 150 वीं जयंती मना रहा है […]
खुशाली बाबा मंदिर जलालपुर
आज हम बात करते हैं बाबा खुशाली देव की। खुशाली बाबा सत्रहवीं शताब्दी में हुए थे। वे देवी मां के अनन्य भक्त थे। मां की […]
नारद कुंड, जहां है नारद जी का एकमात्र मन्दिर
गोवर्धन की परिक्रमा में सैकड़ों दर्शनीय स्थल हैं। इनमें से ज्यादातर पौराणिक महत्त्व के हैं। जानकारी के अभाव में लोग गोवर्धन आकर भी इन स्थानों […]
मानगढ़, जहां कृष्ण से रूठकर जा बैठीं थीं राधा रानी
जैसा कि हम जानते हैं कि बरसाना में स्थित पहाड़ी को ब्रह्मांचल नाम दिया गया है। मान्यता है कि ब्रह्माजी स्वयं श्रीराधा-कृष्ण की लीलाओं का […]
सांझी लोक परम्परा से देवालयी परम्परा बनी
सांझी मूलतः एक लोक परम्परा है। यह कनागतों में उत्तर भारत के तमाम स्थानों पर किशोरियों द्वारा गोबर, फूल, पत्ती, रंग आदि से आकृति उकेरने […]
नंदा देवी की लोकयात्रा
नंदा देवी की महत्ता मान्यता है कि नंदा देवी गढ़वाल के राजाओं के साथ-साथ कुँमाऊ के कत्युरी राजवंश की ईष्टदेवी थी। इष्टदेवी होने के कारण […]