योगेन्द्र सिंह छोंकर
दो खामोश ऑंखें
मेरी पीठ में सुराख़ किए जाती हैं!
दो खामोश ऑंखें
मेरी पीठ में सुराख़ किए जाती हैं!
माना इश्क है खुदा
क्यों मुझ काफ़िर को पाक किए जाती हैं!
क्यों मुझ काफ़िर को पाक किए जाती हैं!
भागता हूँ जितना
चुभन उतनी बढती जाती है!
चुभन उतनी बढती जाती है!
ठहर जाता हूँ तो
चुभन कुछ कम हो जाती है!
चुभन कुछ कम हो जाती है!
है कौन सी शमसीर
जो मुझे हलाक किए जाती है!
जो मुझे हलाक किए जाती है!
देखता हूँ मुड़कर
चुभन ठीक दिल में होती है!
चुभन ठीक दिल में होती है!
मान ले बंज़र है ये
क्यों इसमें इश्क की आरजू बोती है!
क्यों इसमें इश्क की आरजू बोती है!
उगाकर चाहत का केक्टस
क्यों मुझे उदास किए जाती है!
क्यों मुझे उदास किए जाती है!
फूलों की बगिया नहीं
मेरी राह में कर्तव्यों का रेगिस्तान है!
मेरी राह में कर्तव्यों का रेगिस्तान है!
तेरी चाहत हूँ मैं
मगर मेरी चाहत मेरा मुल्क महान है!
मगर मेरी चाहत मेरा मुल्क महान है!
खुला छोड़ दे मुक्ति पथ पर
क्यों अपनी जुल्फों में मुझे बांध लिए जाती है!
क्यों अपनी जुल्फों में मुझे बांध लिए जाती है!
जानती हूँ तुझे
जुबां से कब कुछ कहती हूँ!
जुबां से कब कुछ कहती हूँ!
वार करती हूँ पीठ पर तेरी
दर्द अपने दिल पर सहती हूँ!
दर्द अपने दिल पर सहती हूँ!
इतना आसां कहाँ चाहत का मिल जाना
मैं तो बस छोंकर मजाक किए जाती हूँ!
मैं तो बस छोंकर मजाक किए जाती हूँ!
शुभागमन…!
हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसके दि. 18-2-2011 को प्रकाशित आलेख "नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव" का अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । शुभकामनाओं सहित…
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