दो खामोश आंखें – 27 Posted on 2nd February 2011 by Yogendra Singh Chhonkar योगेन्द्र सिंह छोंकर अपने बच्चे का निवाला कोयल कुल के कंठ में डालने वाले कौए को सदा ही दुत्कारती हैं दो खामोश ऑंखें
साहित्य गाँधीजी की ब्रज यात्राएं Yogendra Singh Chhonkar 3rd October 2019 0 राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का ब्रज से लगाव रहा। वे कई बार यहां आए। इस वर्ष जब सारा राष्ट्र उनकी 150 वीं जयंती मना रहा है […]
साहित्य ठेल की किस्मत (एक सब्जी विक्रेता के संघर्ष की दास्तान) Yogendra Singh Chhonkar 26th August 2023 0 कहानी पायल कटियार दीनू सब्जी की ठेल वाले ने अवाज लगाई- आलू, प्याज टमाटर गोभी, पत्ता गोभी, हरी मटर, हरी-हरी सब्जियां ले लो। आवाज सुनते […]
साहित्य ‘अर्थात्’ का अर्थ संधान (पुस्तक समीक्षा) Yogendra Singh Chhonkar 28th June 2024 0 अमनदीप वशिष्ठ अमिताभ चौधरी का काव्य संग्रह ‘अर्थात्’ मूलतः पोएट्री होते हुए भी शिल्प में ‘ट्रैक्टेटस’ की याद दिलाता है। मितकथन और घनत्व उसी तरह […]