दो खामोश आंखें – 20 Posted on 2nd February 2011 by Yogendra Singh Chhonkar योगेन्द्र सिंह छोंकर जी जाऊं पी विसमता विष रस समता बरसाऊँ रहे सदा से रोते जो उनको जाय हसाऊँ जो एक बार फिर से देख पाऊँ दो खामोश ऑंखें
साहित्य पूर्वजन्म के कर्ज की वसूली Yogendra Singh Chhonkar 3rd March 2024 0 (कहते हैं अपने पापों की सजा आदमी को इसी जीवन में भुगतनी पड़ती है) हिंदी कहानी पायल कटियार शादी के दस साल बीत जाने पर […]
साहित्य सपना – एक महिला के अंतहीन संघर्ष की गाथा Yogendra Singh Chhonkar 29th August 2023 0 कहानी पायल कटियार कभी कभी जिंदगी वह सब करने के लिए मजबूर कर देती है जिसे मनुष्य करना नहीं चाहता है। लेकिन कहते हैं मजबूरी […]
साहित्य श्री शिव चालीसा Yogendra Singh Chhonkar 29th April 2020 0 ।।दोहा। । श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल […]