दो खामोश आंखें – 6 Posted on 28th January 2011 by Yogendra Singh Chhonkar योगेन्द्र सिंह छोंकर अपनी अपनी वासनाओं में हस्तमैथुनरत दुनिया में बेइरादा डोलती कुछ बावरी भी हैं दो खामोश ऑंखें
साहित्य टिफिन (पेट भरने के लिये जूठन खाने को मजबूर एक वृद्धा की करुण कहानी) Yogendra Singh Chhonkar 6th October 2023 0 कहानी पायल कटियार रागिनी को बड़ा ताज्जुब हो रहा था कि किट्टू (उसका बेटा) अब अपना पूरा लंच फिनिश कर लेता है। पहले तो रोज […]
साहित्य शायर कहो नज़ीर कहो आगरे का है… Yogendra Singh Chhonkar 8th September 2020 0 नजीर अकबराबादी! एक ऐसा शायर जिसकी रचनाएं अवाम की आवाज बुलन्द करती हैं। नजीर उस दौर के इकलौते शायर हैं जिनकी शायरी दरबारों के […]
साहित्य दीपावली के पटाखे और संतोष का दर्द Yogendra Singh Chhonkar 5th November 2023 0 कहानी पायल कटियार दीपावली की तैयारियों को लेकर घर-घर में सफाई का काम चल रहा था। संतोष भी दीपावली के आने का काफी बेसब्री से […]