योगेन्द्र सिंह छोंकर
चंद गहने
रुपये
रंगीन टीवी
या किसी दुपहिया
की खातिर
जल भी जाती हैं
दो खामोश ऑंखें
चंद गहने
रुपये
रंगीन टीवी
या किसी दुपहिया
की खातिर
जल भी जाती हैं
दो खामोश ऑंखें
योगेन्द्र सिंह छोंकर कमनीय काया और करुण कोमल कंठ का मार्ग में प्रदर्शन करने वाली कंजरी की ओर सिक्का उछालती हुई उसकी […]
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