दो खामोश आंखें – 16 Posted on 2nd February 2011 by Yogendra Singh Chhonkar योगेन्द्र सिंह छोंकर सामने रहकर न हुआ कभी जिस प्यास का अहसास उसे बुझाने दुबारा कभी मेरे पहलु में आएँगी दो खामोश ऑंखें
साहित्य दो खामोश आंखें – 29 Yogendra Singh Chhonkar 2nd February 2011 0 योगेन्द्र सिंह छोंकर चंद गहने रुपये रंगीन टीवी या किसी दुपहिया की खातिर जल भी जाती हैं दो खामोश ऑंखें
साहित्य दो खामोश आंखें – 10 Yogendra Singh Chhonkar 28th January 2011 0 योगेन्द्र सिंह छोंकर अभाव के ईंधन से भूख की आग में जलते इंसानों की देख बेबसी क्यों नहीं बरसती दो खामोश ऑंखें
साहित्य मुरीदे कुतुबुद्दीन हूँ Yogendra Singh Chhonkar 18th July 2020 0 मुरीदे कुतुबुद्दीन हूँ खाक-पाए फखरेदीं हूँ मैं, अगर्चे शाह हूँ, उनका गुलामे-कमतरी हूँ मैं। बहादुर शाह मेरा नाम है मशहूर आलम में, व लेकिन ऐ […]