सांझी मूलतः एक लोक परम्परा है। यह कनागतों में उत्तर भारत के तमाम स्थानों पर किशोरियों द्वारा गोबर, फूल, पत्ती, रंग आदि से आकृति उकेरने […]
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त्योहार नहीं संस्कृति है होली
अन्य स्थानों पर होली महज एक त्योहार है जो रंग-गुलाल से एक दूसरे को तर करके मना लिया जाता है पर ब्रज में होली एक […]
आर्यन पेशवा राजा महेंद्र प्रताप
द्वितीय विश्वयुद्ध में अंग्रेजों को घिरा हुआ देखकर उस परिस्थिति का लाभ उठाकर भारत को स्वतंत्र कराने का स्वप्न नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने देखा था। […]
महाराजा सूरजमल एक अजेय योद्धा
महाराजा सूरजमल अठारहवीं शताब्दी के एक महान शासक थे। विपरीत परिस्थितियों में उनका भाग्य नक्षत्र चमक उठा। अपनी कुशलता, योग्यता और वीरता के बल पर […]
दानी और भक्त सेठ हरगुलाल बेरीवाला
ब्रज में धार्मिक कार्यों के लिए धन का दान करने वाले बहुत सेठ हुए हैं। यहां का हर धर्मस्थल अपने पीछे किसी न किसी दानी […]
भक्त, भिक्षुक और जमींदार ‘लाला बाबू’
ब्रज में एक ऐसे भी भक्त का आगमन जो खानदानी जमींदार थे। इन्होंने यहां मन्दिर, धर्मशाला, अन्नक्षेत्र बनवाये। इनकी व्यवस्था के लिये गांव भी खरीदे। […]