मानगढ़, जहां कृष्ण से रूठकर जा बैठीं थीं राधा रानी

जैसा कि हम जानते हैं कि बरसाना में स्थित पहाड़ी को ब्रह्मांचल नाम दिया गया है। मान्यता है कि ब्रह्माजी […]

सांझी लोक परम्परा से देवालयी परम्परा बनी

सांझी मूलतः एक लोक परम्परा है। यह कनागतों में उत्तर भारत के तमाम स्थानों पर किशोरियों द्वारा गोबर, फूल, पत्ती, […]

त्योहार नहीं संस्कृति है होली

अन्य स्थानों पर होली महज एक त्योहार है जो रंग-गुलाल से एक दूसरे को तर करके मना लिया जाता है […]

वो कुंड जिसमें राधा रानी ने धोए हल्दी से रंगे हाथ

बरसाना राधारानी का गांव है। यहां उनके माता-पिता के नाम पर अलग-अलग कुंड हैं। ये कुंड वृषभानु कुंड और कीर्ति […]

दानी और भक्त सेठ हरगुलाल बेरीवाला

ब्रज में धार्मिक कार्यों के लिए धन का दान करने वाले बहुत सेठ हुए हैं। यहां का हर धर्मस्थल अपने […]

भक्त, भिक्षुक और जमींदार ‘लाला बाबू’

ब्रज में एक ऐसे भी भक्त का आगमन जो खानदानी जमींदार थे। इन्होंने यहां मन्दिर, धर्मशाला, अन्नक्षेत्र बनवाये। इनकी व्यवस्था […]

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