उद्धव क्यारी : जहां गोपियों के समक्ष धराशाई हुआ उद्धव का ज्ञान

ज्ञानी गुमानी धनी जाओ रे यहां से, यहां तो राज बावरे ठाकुर को। बैजू बावरा की यह पंक्तियां ब्रज का एक विलक्षण प्रेम स्वरूप उजागर […]

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