वैर की कहानी के पिछले भाग में हमने वैर की अवस्थिति, नामकरण, जाट शासन के दौरान प्रशासनिक प्रबन्ध, दुर्ग निर्माण, सुरक्षा व्यवस्था आदि पर चर्चा […]
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भरतपुर राज्य के दरबारी कवि (भाग एक)
भरतपुर दरबार ने बड़ी संख्या में कवियों और साहित्यकारों को आश्रय दिया। यहां के अधिकांश शासक साहित्यानुरागी थे। राज्य के संस्थापक राज बदनसिंह स्वयं सरस् […]
वैर की कहानी : भाग एक
“वैर की शोभा निराली है! चतुर्दिक वृक्ष गुल्म, अनेकों बाग, सरोवर विद्यमान हैं! चतुर्वर्ण के शूरवीर यहां निवास करते हैं! विशाल महल तथा गढ़ सौंदर्य […]
अवध के नवाब की पथैना में पराजय
स्थान और समय यह किस्सा 1777 ईस्वी का ऋतु बसन्त की रही होगी। अंग्रेजी महीनों में हिसाब लगाएं तो फरवरी-मार्च का समय था। जगह है […]