दो खामोश आंखें पीठ में सुराख किये जाती हैं Posted on 4th March 201117th February 2019 by Yogendra Singh Chhonkar योगेन्द्र सिंह छोंकर दो खामोश ऑंखें मेरी पीठ में सुराख़ किए जाती हैं! माना इश्क है खुदा क्यों मुझ काफ़िर को पाक […]