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दो खामोश आंखें – 11

योगेन्द्र सिंह छोंकर
पते की तो बात क्या
नाम तक बताया नहीं
एक झलक दिखा कर
जो हो गयीं
ओझल
कैसे ढूढुं
कहाँ रहती हैं
दो खामोश ऑंखें
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