नन्दगांव में चरण पहाड़ी है। चरण पहाड़ी जहां श्रीकृष्ण के चरण पड़े। यहां उनके चरण चिन्ह भी अंकित हैं। यहां से कामां जाने के रास्ते पर थोड़ा चलकर बायीं ओर स्थित है। चरण पहाड़ी कामां में भी है और नंदगांव में भी। यानी ये दो स्थान ऐसे हैं जहां पर्वत शिलाओं पर श्रीकृष्ण के चरण चिन्ह भी अंकित हैं। बरसाना में ब्रह्मांचल पर्वत पर एक स्थान पर राधा रानी के चरण चिन्ह भी अंकित हैं।
भाव विवह्ल हो गए थे महादेव
चरण पहाड़ी के बारे में एक कथा प्रचलित है। स्थानीय भागवत प्रवक्ता ब्रज भूषण तिवारी बताते हैं कि नंदगांव में जो नंदीश्वर पर्वत है वह महादेव का स्वरूप है। एक बार श्रीकृष्ण ने बंशी की मधुर तान छेड़ी। बंशी सुनकर महादेव भाव विभोर हो गए। भाव के वशीभूत होकर उनका नंदीश्वर स्वरूप द्रवित होने लगा। पर्वत के पिघलने से श्रीकृष्ण के चरणों के निशान वहां अंकित हो गए। पर्वत पर चर रहे बछड़ों और दूसरे ग्वाल-बालों के पैरों के निशान भी पर्वत की शिलाओं पर बन गए।
अक्रूरजी और उद्धवजीने किए थे चरण पहाड़ी के दर्शन
श्रीमद्भागवत के अनुसार अक्रूर जी और उद्धव जी ने श्रीकृष्ण के चरण चिन्ह देखे थे। अक्रूर जी जब श्रीकृष्ण को लेने ब्रज में आये तब उन्होंने चरण चिन्ह देखे। इसी तरह श्रीकृष्ण के भेजने पर जब उद्धव जी ब्रज आये तब उन्होंने भी चरण चिन्हों के दर्शन किये।